कांग्रेस के अच्छे दिन शुरू, 2G के बाद आदर्श घोटाले में भी बीजेपी मायूस
कांग्रेस के अच्छे दिन शुरू, 2G के बाद आदर्श घोटाले में भी बीजेपी मायूस
2G के बाद आदर्श घोटाले में भी राहत
अशोक चव्हाण पर नहीं चलेगा केस
2जी घोटाले पर अदालती फैसले के बाद कांग्रेस के लिए एक और राहत की खबर आई है...बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदर्श सोसाइटी मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर केस दायर करने के फैसले को खारिज कर दिया है... कोर्ट ने साफ कर दिया कि...बिना पुख्ता सबूत के आदेश नहीं दिए जा सकते... कोर्ट के फैसले के बाद सवाल उठता है कि...जब सबूत ही नहीं थे...तो फिर क्या राजनीति के बदलते माहौल के कारण चव्हाण को भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में फंसाया गया...
2010 में कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार का ऐसा चक्रव्यूह बुना गया...जिसमें उलझकर कांग्रेस एक-एककर आरोपों में घिरती रही... पहले 2जी के घेर में कांग्रेस को घुमाकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से लेकर कई नेताओं पर भ्रष्टाचार का कीचड़ उछाला गया...फिर आदर्श हाउसिंग सोसाइटी के चक्रव्यूह में कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को फंसाया गया...इसका नतीजा ये रहा कि...केंद्र में तो कांग्रेस के हाथ से सरकार फिसल कर बीजेपी के हाथ में चली गई...साथ ही महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी...लेकिन अब कांग्रेस के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं...एक-एक कर कांग्रेस का दामन बेदाग होता जा रहा है...
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2 जी घोटाले में क्लीन चिट मिलने के बाद अब मुंबई के हाईप्रोफाइल आदर्श सोसाइटी मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को राहत मिल गई है...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गर्वनर सी. विद्यासागर के उस आदेश को रद्द कर दिया है...जिसमें उन्होंने सीबीआई को चव्हाण पर केस चलाने के आदेश दिए थे...
कोर्ट ने कहा कि सीबीआई चव्हाण पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगते वक्त उनके खिलाफ कोई नया सबूत पेश करने में नाकाम रही...
वैसे कोर्ट के फैसले से अशोक चव्हाण को बड़ी राहत मिली है...क्योंकि आदर्श सोसाइटी मामला वही घोटाला था...जिसके चक्रव्यूह में फंसकर चव्हाण को अपनी सत्ता तक गंवानी पड़ी थी...
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दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के कोलाबा में आदर्श हाउसिंग सोसायटी बनाई थी. यह 31 मंजिला पॉश इमारत युद्ध में मारे गए सैनिकों की विधवाओं और भारतीय रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी...सोसायटी बनने के कुछ सालों बाद 2010 में एक आरटीआई से यह खुलासा हुआ कि तमाम नियमों को ताक पर रख सोसायटी के फ्लैट ब्यूरोक्रैट्स, राजनेताओं और सेना के अफसरों को बेहद कम दामों में बेचे गए... इस खुलासे के बाद मामले की जांच के लिए 2011 में दो सदस्यीय न्यायिक कमीशन का गठन किया...समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कुल 25 फ्लैट गैरकानूनी तौर पर आवंटित किए गए थे. इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का भी नाम आया था...जिसकी वजह से उन्हें अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी...पर आज सात साल बाद कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है...
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High Court says CBI failed to present fresh evidence against Mr. Chavan while seeking sanction to prosecute him in the Adarsh scam.


