कांग्रेस मुक्त भारत का अर्थ इतिहास मुक्त भारत ही होगा। दागदार और दगाबाज देशरत्न होंगे?
कांग्रेस मुक्त भारत का अर्थ इतिहास मुक्त भारत ही होगा। दागदार और दगाबाज देशरत्न होंगे?
कांग्रेस लेगी जनम दोबारा ?
आज कांग्रेस का जन्म-दिवस है। इस अवसर पर शुभकामना के अलावा और क्या दिया जा सकता है ? कम से कम श्रद्धांजलि तो हरगिज नहीं। हम भारत के लोग दयावान होते हैं। मरने के बाद अपराधी को भी 'स्वर्गीय' कहते हैं। 'नरकीय' कहने की हमारी आदत ही नहीं है।
कांग्रेस के अवदान को नकारा नहीं जा सकता है। तमाम आचार, विचार और अंतर्विरोधों के बावजूद कांग्रेस ने भारत को दो कदम आगे बढ़ाया है। थोड़ा धन्यवाद देना तो बनता है।
अब कांग्रेस-मुक्त भारत कैसा होगा ? अब कांग्रेस की जागीर में कुछ छोटे-छोटे पहाड़ी टीले ही शेष हैं। उत्तराखंड, केरल और पूर्वोत्तर राज्य ही शेष हैं।
कांग्रेस का इतिहास भाजपा को पैदा करने का इतिहास होगा।
कांग्रेस को अगर गांधी की चिंता होती तो आज देश में गोडसे का मंदिर नहीं बन रहा होता ? इसमें कांग्रेस की ही भूमिका बड़ी रही है।
जब वंचितों की भागीदारी का वक्त आया तो कांग्रेस चालाकी से गेंद मोदी को 'पासिंग' दे दी। कांग्रेस भाजपा के इस नए रोनाल्डो को एक-एक गोल दागने का मौका दे रही है।
कांग्रेस हार-हार कर देश को तबाही के कगार पर पहुंचा रही है। अगर कांग्रेस लोकतान्त्रिक मूल्यों को जिन्दा रखती, भ्रष्टाचार पर अंकुश रखती तो क्या अछूत भाजपा सर्वमान्य हो पाती ?
अगर कांग्रेस नेहरु-वंश की ही केवल जागीर रही है तो इसे ख़त्म हो जाने का पक्षधर मैं भी हूँ। कांग्रेस केवल पार्टी होती तो इससे मुक्त हुआ जा सकता था। इस पार्टी के लिए जीने और जिन्दा रखने में हमारी भी कुर्बानी बहुत हुई है। क्या इसे सोनिया और राहुल के भरोसे छोड़ इसे मरते हुए देखा जाय? कांग्रेस मुक्त भारत का अर्थ इतिहास मुक्त भारत ही होगा। दागदार और दगावाज देशरत्न होंगें?
कथित ईमानदार भाजपा और भ्रष्ट कांग्रेस के बीच किसी एक को चुनना हो तो मैं भ्रष्ट कांग्रेस को चुनना ज्यादा पसंद करूँगा।
कोई शिष्ट भाजपा गौतम के बदले गीता, महात्मा के बदले महामना, हे ! रामजादे के बदले हरामजादे, संविधान के बदले मनुस्मृति, गांधी के बदले गोडसे, अंतिम व्यक्ति के बदले अम्बानी और अदानी को आगे लायेगी तो हम किसी भ्रष्ट समाजवादी और कांग्रेस को झेलना ज्यादा पसंद करेंगें।
रोग का ईलाज तो बाद में कर लेंगें। पहले यह देश और उसका ढांचा तो बचे। किसी बड़े खेल का भारत शिकार हो रहा है। देशभक्ति और देशद्रोह के अंतर मिट रहे हैं।
आज कांग्रेस का जन्मदिन है। शुभकामना है। यह कांग्रेस का रिबर्थ हो तो देश के लिए शुभ होगा। नेहरु-परिवार और संघ-परिवार घोषित तौर पर अब एक हो जाय तो बढ़िया है। सोनिया और राहुल को कांग्रेस से अब मुक्त हो जाना चाहिए।
नयी पीढ़ी का मतलब किसी पप्पू पीढ़ी से नहीं है। वैसा नौजवान जिसे सेकुलर ढांचा का भान हो और साझी शहादत और साझी विरासत का ज्ञान हो। उन्हें ही कांग्रेस को सौपना चाहिए। हाँ नेहरु परिवार को अब नमो नारायण बोल देना चाहिए। आखिर भाजपा, कांग्रेस मूल्यों को ही तो आगे बढ़ा रही है। लुटियन जोन्स में कौन अलग है। सब एक ही है।
कांग्रेस अब तक डिजीज पेन से ही गुजरती रही। काश कांग्रेस को कभी डिलेवेरी का पेन होता।
O- बाबा विजयेंद्र


