इमोशनल प्रचार के जरिए वोट मांगेंगे नेतागण
कमलजीत अविनाशी
चण्डीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के नेता अपनी गोटी लाल करने में जुट गए हैं। चुनाव आयोग से चुनावी कार्यक्रम का ऐलान होते ही नेतागण पूरी तैयारी के साथ चुनाव प्रचार में कूदने की तैयारी में हैं। इस चुनावी जंग में इस बार राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों के साथ सहानुभूति बटोरने का मु्द्दा भी हावी रह सकता है।
इस सियासी सहानुभूति की फसल काटने के लिए कांग्रेस, इनेलो, हजकां समेत अन्य पार्टियां मुद्दों और प्रदेश की अस्मिता का हवाला देते हुए वोटरों को लुभाने लगे हैं। प्रदेश में एक दशक से सत्ता में रही कांग्रेस एंटी इंकंबेंसी फैक्टर से जूझ रही है। इसीलिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैथल रैली में लगे नारों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अपमान से जोड़ दिया है और सहानुभूति का माहौल बनाने में लगी है। हालांकि मोदी खुद हुड्डा को चाय पर बुलाकर इस मामले को खत्म कर चुके हैं। लेकिन सियासी जंग में उतरी कांग्रेस इस मुद्दे को छोडऩे के मूड में नहीं दिख रही है।
इनेलो भी पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला के जेल में होने के मसले पर सहानुभूति बटोरने में लगी है। पार्टी को उम्मीद है कि गांवों खासतौर पर जाट समुदाय में उन्हें चौटाला परिवार को लेकर सहानूभूति का लाभ मिलेगा। इनेलो पिछले दस साल से सत्ता से दूर है। वरिष्ठ नेतृत्व के अभाव से गुजर रही पार्टी इस बार सत्ता के संघर्ष में चूकना नहीं चाहती है। हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) भी भाजपा की वादाखिलाफी का आरोप लगाकर सहानुभूति का माहौल बनाने में लगी है।
हजकां नेता लगातार कह रहे हैं कि भाजपा ने लगभग तीन साल पहले खुद कुलदीप बिश्नोई को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था और अब केंद्र में सरकार बनाने के बाद नाता तोडऩे पर मजबूर कर दिया। हजकां के गठन के समय से ही कुलदीप का हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने का सपना है। इस बार वे भी सहानुभूति बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। वे अपने पिता व पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के नाम का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। हरियाणा में इस बार 13वीं विधानसभा के चुनाव हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैथल रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कथित हूटिंग को कांग्रेस चुनाव में जनता के बीच ले जाएगी। 24 अगस्त की रैली में मुख्यमंत्री हुड्डा पानीपत में इस मुद्दे को उछाल चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि प्रदेश की जनता इस अपमान का बदला भाजपा से लेगी। सीएम कह चुके हैं कि कैथल की चोट का बदला वोट से लेंगे। इस मुद्दे को सहानुभूति लहर में बदलने के लिए पार्टी के थिंक टैंक जुट गए हैं।
हजकां चुनाव के दौरान भाजपा पर आरोप लगाएगी कि उसने हजकां को क्षेत्रीय दल होने के नाते हरियाणा में पैर जमाने के लिए प्रयोग किया। गठबंधन धर्म निभाने में हजकां ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन भाजपा ने गठबंधन का धर्म नहीं निभाया। इस दौरान यह मुद्दा भी जनता के सामने रखा जाएगा कि हिसार में भाजपा ने कुलदीप का चुनाव जीतने में मदद नहीं की। जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल एनडीए के घटक होने के बावजूद इनेलो प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला के प्रचार में आए।
भाजपा के सामने है चुनौती
हरियाणा की सत्ता पर नजरे गड़ाए बैठी भाजपा ऐसे में क्या उपाय करेगी। यह अभी पार्टी ने खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह तय है कि उत्तर हरियाणा के विकास में अनदेखी और लैंड डील के मुद्दों पर भाजपा वर्तमान कांग्रेस सरकार को घेरेगी। साथ ही गठबंधन से अलग हुए कुलदीप बिश्नोई की बातों की काट की तैयारी भी भाजपा कर रही है। भाजपा कह रही है कि हजकां ने जमीनी सच्चाई को स्वीकार नहीं किया।
इनेलो का वरिष्ठ नेतृत्व इस समय जेल में है। इनेलो को उम्मीद है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के जेल में रहने अथवा बाहर आने पर सहानुभूति की लहर पार्टी के पक्ष में जरूरी चलेगी। वैसे विपक्षी दल भी इस बात से वाकिफ हैं। फिलहाल इनेलेा यह कह कर जनता के बीच हाजिरी लगा रही है कि उनके परिवार के साथ कांग्रेस ने ज्यादती की है।
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