डॉ. अजय कुमार

अपने वर्ग के आपराधियों से मुकदमे वापिस लिये गये।

किसानों पर लाठी चलवा कर तीन-तीन मुकदमे दर्ज करने वाले आधिकारियों को प्रमोशन दिया गया। PCF के ज़िला प्रबंधक को मंडल प्रबंधक बना दिया गया।

किसानों का खून चूस कर आत्महत्या की ओर ढकेलने वाले ऐसे ही उन्नति करते है इस व्यवस्था में।

किसानों को लाठी, जेल, मुकदमे देने के बाद मोदी एवं अखिलेश को याद आया धान

मोदीजी आप एवं आपकी सीबीआई एवं अन्य एजेंसी क्या कर रही थी जबकि आपको पता था कि आपकी एफसीआई, 2013 से धान नहीं खरीदा जा रहा था। आप तो 2015 की खरीद के लिये उ.प्र. सरकार को सम्मानित कर रहे थे सबसे धान खरीद के लिये जबकि सारा धान बानियो से खरीद कर लेबी में भेजा जाता रहा।

डॉ.अजय कुमार, लेखक लखनऊ स्थित स्वतंत्र टिप्पणीकार व सामाजिक कार्यकर्ता हैं। आप तो अपना हिस्सा ले रहे थे।

मोदी जी आखिर लखनऊ में किसानों की याद आयी कि धान नहीं खरीदा जा रहा है। जब आप और अखिलेश दोनों मिलकर किसानों पर धान खरीद ना होने पर विरोध करने पर बर्बर लाठी चार्ज करा के मुकदमे दर्ज कर जेल भेज रहे थे।

कब शर्म आयेगी दोनों।

आज किसानों से कोई भी उसकी धान ऊपज खरीदे के लिये तैयार नहीं है उससे धान बाजार में 600 रू. कुंतल मांगा जा रहा है। सरकारी लेवी खरीद के अधिकारी पूर्व की भांति मोदी, मुलायम के लिये धन उगाही में लगे हैं। यही 600 रू . कुंतल का धान व्यापारियों से खरीद कर लेवी में जा रहा है, जबकि 2013- 2014 में सरकारी लेवी में धान खरीद ना होने से किसानों ने भारतीय किसान अन्दोलन के राष्ट्रीय महासचिव चौ. महराजदीन की अगुवायी में पूरे उ.प्र. में धान की ऊपज जलाकर प्रदर्शन किया था और 14 दिसम्बर 14 से नगर पंचायत नगराम जनपद लखनऊ उ.प्र. में अनिश्चित कालीन आमरण अनशन प्रारम्भ किया, लेकिन 5 जनवरी 2015 को गोरे अंग्रेज मैकाले के पैदा किये हुये काले अंगेजों द्वारा जनरल डायर ज़िस तरह किसानों पर बर्बर लाठी चार्ज किया गया और तीन- तीन मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

इस पूरे प्रकरण की जानकारी उ.प्र. के मुख्यमंत्री सहित प्रधानमन्त्री को आमरण अनशन के बैठने के पूर्व तथा इस अमानवीय व्यवहार के बाद दसियों पत्र भेजे गये किसानों की तरफ से, लेकिन ये काले अंग्रेज कार्यवाही करने की बजाय किसानों का तमाशा बनाये। बेशर्म एफ.सी.आई. एवं पी.सी.एफ. दोनों लगातार किसानों का खून चूस कर मोदी और मुलायम को नहला रहे हैं और ये दोनों मस्त हैं।

आज तो यह स्थिति और खराब हो गयी है नोट बन्दी से अब किसान की आत्महत्याएं और बढ़ेंगी।

इसके लिये हमारी ये काले अंग्रेजों की सरकार ज़िम्मेदार है।

इसलिये तय करे की आप किसी और है .?

आप मोदी जी केवल किसानों को धोखा दे रहे य़दि नहीं तो क्या धान खरीद की सीबीआई जाँच करायेगे ?

य़ादि इसके भ्रष्टाचार के तथ्य चाहिएं तो हम देंगे।

डॉ.अजय कुमार, लेखक लखनऊ स्थित स्वतंत्र टिप्पणीकार व सामाजिक कार्यकर्ता हैं।