केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के चावल को सेंट्रल पूल में न खरीदने के विरोध में 25 नवंबर को महाधरना
केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के चावल को सेंट्रल पूल में न खरीदने के विरोध में 25 नवंबर को महाधरना

केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के चावल को सेंट्रल पूल में न खरीदने के विरोध में 25 नवंबर को महाधरना
Mahadhana on 25 November to protest against Chhattisgarh's rice not being purchased in the Central Pool
रायपुर/21 नवंबर 2019। छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार कांग्रेस (Chhattisgarh Unorganized Workers Congress) 25 नवंबर सोमवार को छत्तीसगढ़ के चावल को केन्द्र सरकार द्वारा सेंट्रल पूल में न खरीदने के विरोध में एवं मजदूरों की सुरक्षा की मांग को लेकर राजीव गांधी फायर ब्रिगेड चौक रायपुर में महाधरने का आयोजन कर रही है।
छ.ग. अंसगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आलोक पाण्डेय ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस समय देश में बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, बढ़ती हुई महंगाई, अद्योमुखी बैंकिंग प्रणाली एवं कृषि संकट के दौर से गुजर रही है। दुर्भाग्यवश केन्द्र सरकार इन मुद्दों को हल करने के बजाय, बड़ी बेशर्मी से इन सब से इंकार करते आ रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में केन्द्र की भाजपा सरकार सामाजिक सुरक्षा कानून (Social security law) लाने जा रही है। जिससे मौजूदा 15 श्रम कल्याण कानूनों का विलय किया गया है। आश्चर्य यह है कि इस संहिता में 40 करोड़ असंगठित श्रमिकों के लिये कुछ भी ठोस वायदा नहीं किया गया है।
असंगठित कामगार कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने मांग की है कि भारत सरकार किसानों के हित में छत्तीसगढ़ का चावल सेंट्रल पुल में खरीदे, असंगठित कामगारों के रोजगार की रक्षा करते हुए उनके लिए बेहतर रोजगार की व्यवस्था तैयार की जाए। बेराजगारों के लिये रोजगार का अवसर तैयार किया जाये। असंगठित कामगारों की मजदूरी सुनिश्चित किया जाये। सामाजिक सुरक्षा संहिता में असंगठित श्रमिकों के लिए जीवन, विकलांगता, स्वास्थ्य, मातृत्व एवं पेंशन संबंधित प्रावधान भी सुनिश्चित की जाए। सभी असंगठित एवं स्व श्रमिकों को कामगार के रूप में पहचान एवं पंजीकृत किया जाए। सभी असंगठित कामगारों ईपीएफ एवं आईएसआई योजना के दायरे में लाया जाना सुनिश्चित किया जाये। हमारी समाजिक सुरक्षा कोड जिसे 15 श्रम कानूनों को विलय कर सूचित किया जा रहा इसे समाहित किया जाए। इन सभी मांगों को लेकर असंगठित कामगार कांग्रेस सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक महाधरना का आयोजन कर 3 बजे राजभवन की ओर कूच करेगी एवं राज्यपाल को राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगी।


