कश्मीर के अलावा झारखंड में भी वोट पड़े हैं। दोनों राज्य केसरिया टार्गेट हैं।
झारखंड से तो हमने खैर पत्रकारिता की शुरुआत ही की है।
उस बंगाल में जहां पिछले तेइस साल से हमारा डेरा डंडा है, राष्ट्रपति शासन लगने जैसी अराजकता फैल रही है और केंद्र विरोधी जिहाद में अकेली ममता बनर्जी की साख लगातार शून्य दिशा में हैं।
शारदा कांड में दागियों के बचाव के लिए जो जमीन आसमान एक करने लगी हैं ममता दीदी और गिरफ्तार मंत्री के बचाव में सड़क पर उतरने लगी हैं, उससे धार्मिक ध्रुवीकरण का खेल बंगाल में कश्मीर और झारखंड से ज्यादा तेज हैं।
वामपंथी अभी जाग ही रहे हैं। तो मूलनिवासी समिति अभी बड़ी राजनीतिक शक्ति बन नहीं पायी है। संघ परिवार के लिए खुल्ला मैदान है। कांग्रेस तो उसमें समाहित हो जाने को है।
वैसे यह पहेली बूझना मुश्किल है कि कब किस बिंदू पर कांग्रेस, संघ परिवार से अलग रही है।
भोपाल गैस त्रासदी, गुजरात नरसंहार, परमाणु संधि, विदेश और आर्थिक नीतियां, राजकाज, रंगभेद, जाति वर्चस्व, अमेरिकापरस्ती, सिखों का नरसंहार, गुजरात नरसंहार, बाबरी विध्वंस ..मील के पत्थरों की पड़ताल कर लें।
रंगभेदी नस्ली राजकाज में कांग्रेस और संघ परिवार बराबर के साझेदार हैं।
झारखंड और बंगाल के असुर अनार्य जनगण अब केसरिया होने लगे हैं।
O- पलाश विश्वास

इस खबर पर गौर करेंः
पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। प्र दर्शन करने वाले सांसदों ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के साथ पीएम मोदी की फोटो ले रखी है। गौरतलब है कि मदन मित्रा को सीबीआई ने सारधा घोटाले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में जिस कोर्ट में मित्रा को पेश किया गया था, उसके बाहर प्रदर्शन किया। साथ ही बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विरोध रैली की और पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा था कि हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाए।
संसद परिसर में टीएमसी सासदों ने काले शॉल ओढ़कर प्रदर्शन करते हुए सरकार पर सीबीआई का गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया। सांसदों ने "पीएम, अमित शाह बंगाल गुस्से में है" जैसे नारे वाली तख्तियां पकड़ी हुई थी और नारे लगा रहे थे। कुछ सांसदों ने सहारा ग्रुप प्रमुख के साथ पीएम मोदी की फोटो पकड़ी हुई थी। टीएमसी ने आरोप लगाया कि सहारा प्रमुख की ट्रांजेक्शन की डायरी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम सामने आया लेकिन भाजपा ने इन आरोपों से इनकार कर दिया। प्रदर्शन करे रहे सां सदों ने कहा कि वे संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाएंगे।
तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने बताया कि सीबीआई का राजनीति उपयोग किया जा रहा है। इसलिये उससे स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। वहीं भाजपा के सांसद एस एस अहलूवालिया ने तृणमूल सांसद के विरोध प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सीबीआई के हाथ और बड़े मंत्रियों पर नहीं पहुंचे इसलिये यह नाटक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सारधा घोटाले में 50 लाख छोटे निवेशकों का पैसा डूब गया है और इससे लोगों का ध्यान हटाने के लिये तृणमूल के सांसद इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
मित्रा की गिरफ्तारी की शाम को बंगाल सीएम बनर्जी ने कहा था कि भाजपा ने सीबीआई का इस्तेमाल करते हुए "राजनीतिक साजिश" के तहत मदन मित्रा को गिरफ्तार क रवाया है। - See more at: http://www.patrika.com/news/tmc-mps-protest-outside-parliament-against-bengal-ministers-arrest/1059830#sthash.14DgXQqe.dpuf