हाई कोर्ट का आदेश इंसाफ विरोधी सपा सरकार के मुंह पर तमाचा

High court order slap on the face of anti-justice SP government

लखनऊ, 27 अप्रैल 2015। रिहाई मंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा खालिद मुजाहिद की हिरासत में हुई हत्या पर कोर्ट के आदेश (High Court order on custodial killing of Khalid Mujahid) का स्वागत करते हुए इसे सपा सरकार के मुंह पर तमाचा बताया है।

मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद के चचा जहीर आलम फलाही ने कहा कि हाई कोर्ट लखनऊ बेंच के जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस अख्तर हुसैन ने सीबीआई जांच का यह कहते हुए आदेश दिया कि 6 जुलाई 2015 को अंतरिम रिपोर्ट पेश की जाए।

उन्होंने कहा कि इस फैसले से यह उम्मीद बंधी है कि खालिद मुजाहिद के साथ इंसाफ होगा।

रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि खालिद मुजाहिद की हत्या के बाद अखिलेश सरकार द्वारा सीबीआई जांच कराने का वादा करने के बाद भी जांच न करवाकर हत्यारोपी पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, पूर्व एडीजी बृजलाल, मनोज कुमार झां समेत 42 पुलिस व आईबी अधिकारियों को जो बचाने की कोशिश की थी, आज कोर्ट के फैसले ने उस कोशिश को रोक दिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिस तरीके से बाराबंकी में खालिद मुजाहिद के मुकदमें में विवेचनाधिकारी ने ज्ञात अभियुक्तों को अज्ञात करके फाइनल रिपोर्ट लगाई थी, ऐसी प्रदेश सरकार की इंसाफ विरोधी कोशिशों को लगाम लगेगी।