राजीव यादव

जबर सिंह और भूप सिंह इन दिनों खटिया पर पड़े-पड़े पसलियों में आई चोट के चलते कराह रहे हैं. इन दोनों को गौ रक्षकों ने तब मार-मारकर अधमरा कर दिया, जब जबर अपने छोटे-छोटे बच्चों के लिए गाय लेकर आ रहे थे.

ग्रेटर नॉएडा में जेवर कस्बे के पास सिरसा मांझीपुर खादर गांव गाय के नाम पर इन किसानों की पिटाई के बाद चर्चा में आया.

जबर सिंह जब इन दिनों पसलियों के दर्द से मरे जा रहे हैं तो इसकी कोई चर्चा नहीं है, क्यों कि यह केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का संसदीय क्षेत्र है. और इन मल्लाह बिरादरी के किसानों को ब्राह्मण जाति के लोगों ने मारा है.

पंडितों का दबाव है कि होना जाना कुछ नहीं है अगर तुम मुकदमा उठा लो तो तुम्हारा इलाज कैलाश हॉस्पिटल में करवा देंगे. स्थानीयों के मुताबिक कैलाश हॉस्पिटल महेश शर्मा का है.

राजीव यादवAmalendu Upadhyaya, Nehal Haider, Farrah Shakeb, Satish Chopra, Mohammad Nazim, Yamin Khan भाई के साथ जेवर जाना हुआ.

लोग चर्चा कर रहे हैं कि ये वही महेश शर्मा हैं जिन्होंने अखलाक मामले में हिन्दू आरोपी को पांच लाख रुपए देने और बीस लाख की मांग की थी पर इन गरीब किसानों को राहत तो दूर देखने तक की फुरसत उनको नहीं मिली.

ये सिर्फ गाय के नाम पर नहीं बल्कि जातीय उत्पीड़न की भी पराकाष्ठा दिखती है.

जबर बताते हैं कि उन दोनों को मारने के बाद थाने ले जाकर उल्टे उनपर केस करवाया जा रहा था. थानेदार भी धमकी दे रहे थे. जबर को पीटे जाने के बाद हुए मेडिकल पर भरोसा नहीं है, वो कहते हैं दोनों डॉक्टर पंडित थे, वो मामले को दबाना चाहते थे.

जब डॉ नेहाल हैदर ने जबर का निरीक्षण किया तो कहा कि पसलियों में टूट-फूट सी है और इतनी गर्मी में ये यहाँ परेशान हो जाएंगे और पेट में इन्फ़ेक्शन भी फैल सकता है.

पूछने पर जबर ने कहा कि दो ढाई हजार रुपए थे खत्म हो गए और पंडितों के दबाव के चलते घर रहना ही मुनासिब समझा.

गांव के एक छोर पर बसी मल्लाह बस्ती में जो डर-दहशत का माहौल है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब एम्बुलेंस को बुलाने को कहा जाता है तो वे काफी सोचने लगते हैं?

सोचें भी क्यों न! पंडित जी लोगों के क्षेत्र में जो उनको रहना है और उन लोगों ने कहा जो है कि मामला उठा लो इलाज करा देंगे कैलाश हॉस्पिटल में...