नई दिल्ली। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया एसडीपीआई ने औरंगज़ेब रोड का नाम बदलकर डा. कलाम के नाम पर रखे जाने को गल़त और गैरक़ानूनी के साथ दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है।
पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एडवोकट असलम ने कहा कि इस मामले में ना तो किसी इस्लामिक विद्वान से विचार विमर्श किया गया नाही नाम बदलने से पहले किसी आम राय को बनाने की कवायद की गई। गौरतलब है कि इस तरह के क़दम से ज़ाहिर होता है कि इसका मक़सद मुगल बादशाह ओरंगज़ेब की छवि को बिगाड़ने और भगवावादियों के अल्पसंख्यकों के प्रति ‘‘अच्छे मुस्लिम और बुरे मुस्लिम‘‘ के नज़रिये का खुलासा करता है। यह फैसला ऐतिहासिक दृष्टि से दुनिया को गलत संदेश देता है।
एडवोकेट असलम ने अपने एक बयान में कहा कि यह एक बड़ी विडंबना है कि एक ऐसे नाम को बदला जाता है जोकि इतिहास से जुड़ा है। इससे उनका मकसद इतिहास को बिगाड़ना है जिसके तहत ओरंगज़ेब को एक क्रूर शासक के तौर पर दर्शाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह ओरंगज़ेब ने अपनी जि़ंदगी में सादगी को अपनाकर टोपियां सीकर और कुरआन की लिखाई करके गुजारी थी जबकि वह भारतीय इतिहास में काफी बड़ी सलतनत के बादशाह थे जिसकी दुनिया में सबसे ज़्यादा आमदनी थी।
एडवोकेट असलम ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि कलाम साहब प्रेम और उदारता की एक मिसाल हैं और उनके जैसी मशहूर शक्सियत के नाम से रोड का नाम रखा जाना ज़रूरी है लेकिन ओरंगज़ेब रोड जैसे एतिहासिक महत्व के नाम को बदलकर नहीं किया जाना चाहिए। सिर्फ उसी रोड का नाम क्यों बदलना है? सरकार को चाहिए कि वह पूर्व राष्ट्रपति के नाम से एक वैज्ञानिक संस्थान का निर्माण कराया।
एडवोकेट असलम ने एनडीएमसी से इस फैसले को तत्काल रद्द करने का आग्रह किया है और किसी नए रोड या संस्थान को डा. कलाम के नाम से रखे जाने की अपील की है।