गोडसे की मूर्ति के लिए भूमि पूजन- हिंदू महासभा को प्रतिबंधित करने की उठी मांग
गोडसे की मूर्ति के लिए भूमि पूजन- हिंदू महासभा को प्रतिबंधित करने की उठी मांग
भड़काऊ भाषण की पुष्टि के बाद सांसद योगी आदित्यनाथ को तत्काल गिरफ्तार करे प्रदेश सरकार- रिहाई मंच
नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाने के लिए हिन्दू महासभा द्वारा मेरठ में किए गए भूमि पूजन पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस घटनाक्रम को केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद राष्ठ्रद्रोही ताकतों को सरकार के संरक्षण के रूप में देखा जा रहा है।
गोडसे की मूर्ति लगाने के लिए भूमि पूजन को राजद्रोह करार देते हुए रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से हिन्दू महासभा को तत्काल प्रतिबंधित करने की मांग की है। मंच ने मांग की है कि इसी संगठन से वास्ता रखने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, जिनके द्वारा 2007 में गोरखपुर में सांप्रदायिक भाषण देने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, की सीडी की जांच में आवाज की पुष्टि के बाद आदित्यनाथ को तत्काल गिरफ्तार करते हुए उनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद जिस तरह से स्वतंत्रता आंदोलन से गद्दारी करने वाले संघ गिरोह के नेताओं को महिमामंडित किया जा रहा है उसी कड़ी में हिंदू महासभा द्वारा नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगवाने की राष्ट्रद्रोही कोशिश भी है। संघ को यह भ्रम हो गया है कि राष्ट्रपिता के हत्यारे की मूर्ति लगवाकर वह उस द्रेशद्रोही गोडसे को राष्ट्रनायक साबित कर लेगी। उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे को नेस्तानाबूत करने में लगे इन हिन्दुत्ववादी संगठनों को कथित सेक्युलर दल भी पालते पोसते हैं। ऐसे में जब यह घटना यूपी के मेरठ जिले में हुई है तो यूपी की सपा सरकार अगर हिंदू महासभा और इस राज्यद्रोही घटना से जुड़े अन्य संगठनों पर कार्रवाई नहीं करती है तो वह भी उतना ही दोषी है, जितना देश को विभाजित करने वाले हिन्दुत्ववादी संगठन।
मु. शुएब का कहना है कि आजादी के आंदोलन के समय से ही हिन्दू महासभा की समस्त गतिविधियां देश के सेक्यूलर ताने-बाने को तोड़ने वाली और देशविरोधी रही हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार सिर्फ बयानबाजी तक सीमित न रहकर हिन्दू महासभा को इस राजद्रोह के लिए तत्काल प्रतिबंधित करे और इस देशद्रोही कृत्य में शामिल लोगों को गिरफ्तार करे।
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ द्वारा 2007 में गोरखपुर में दिए गए भड़काऊ भाषण की आवाज सीबीसीआईडी जांच में योगी आदित्यनाथ की ही होने की जब पुष्टि हो गई है तब ऐसे में यूपी सपा सरकार द्वारा उनकी गिरफ्तारी न करना साबित करता है कि वह भाजपा सांसद को सांप्रदायिकता भड़काने के लिए खुला सरंक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह से वरुण गांधी को भी बरी करवाने में सपा का कुनबा लगा था। उन्होंने सवाल किया कि जिस तरीके भाजपा सांसद आदित्यनाथ की आवाज के मिलान के लिए चुनाव आयोग से सीडी प्राप्त करके जांच की गई है यह तरीका वरुण गांधी के लिए क्यों नहीं अपनाया गया।
मंच के अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों सितंबर में उपचुनाव के दौरान 2008 में आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया सांप्रदायिक भाषण जो डाक्यूमेंट्री फिल्म सेफ्रन वार का हिस्सा है, के आधार पर भाजपा सांसद पर कार्रवाई करने से प्रदेश सरकार क्यों बच रही है। जिस तरीके से उसने चुनाव आयोग से सीडी प्राप्त कर योगी आदित्यनाथ के आवाज की मिलान किया, वैसे ही क्यों नहीं वह 2008 के उपचुनाव की सीडी चुनाव आयोग से लेकर कार्रवाई करती।


