गोवा में बीफ बिकता है और उप्र में बीफ बंदी, सरकार दोनों जगह भाजपा की ही है
गोवा में बीफ बिकता है और उप्र में बीफ बंदी, सरकार दोनों जगह भाजपा की ही है
Beef is sold in Goa and beef is banned in UP, the government is of BJP in both places.
राजनीति में जो चीज़ जहां बिकती है, बेची जाती है। गोवा में बीफ बिकता है और उत्तर प्रदेश में बीफ बंदी। सरकार दोनों जगह भाजपा की ही है।
स्लाटर हाउस बंद कराने के योगी के अभियान को धार्मिक चश्मे से देखने के बजाए आर्थिक व राजनीतिक निगाह से देखने की ज़रूरत है।
मु़ख्यमंत्री बनने बाद योगी सरकार ने एक सप्ताह के भीतर तीन बड़े फैसले लिए हैं। पहला स्लाटर हाउस बंद करने का, दूसरा फुटपाथ पर छोटे व्यवसाय खत्म करना और तीसरा एंटी रोमियों स्क्वाएड वाला।
अब गौरतलब यह है कि छोटे स्लाटर हाउस तो बंद होंगे, लेकिन बीफ की बड़ी कंपनियां अपना काम करती रहेंगी। मतलब यह कि छोटे कारोबारियों की छुट्टी हो जाएगी और कारपोरेट ज़्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
इसे समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि जब से भाजपा की केंद्र में सरकार बनी है बीफ निर्यात डेढ़ गुना हो गया है और अब यह और बढ़ने वाला है। इससे साफ है कि असल मामला वध का नहीं है। हो सकता है कि कुछ नए लाइसेंस भी जारी किए जाएं, जिसमें उन्हीं कारोबारियों को बीफ बेचने का अधिकार हो जो उसे ज़्यादा हाइजेनिक माहौल में रख सकते हों जैसे मॉल की सब्ज़ी के बारे में कहा जाता है कि वह संक्रमण मुक्त होती है।
इसी तरह फुटपाथ पर छोटे–मोटे व्यवसाय करके अपना घर चलाने वालों के कारोबार बंद होंगे और उसकी जगह मॉल और मल्टीप्लेक्स वालों की चांदी हो जाएगी।
फुटपाथ साफ करवाए जा रहे हैं। यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि फुटपाथ के छोटे कारोबारियों में मुसलमान केवल गिनती के ही हैं।
इस तरह से योगी सरकार ने अपने गरीब विरोधी फैसले के साथ एक ऐसी चीज़ जोड़ दी है जिससे साम्प्रदायिक मानसिकता तृप्ति रहेगी, कारपोरेट आक़ाओं की सेवा भी हो जाएगी और विरोध के स्वर को साम्प्रदायिकता की चकाचौंध में ढंक लिया जाएगा।
ऐसा करना इस लिए भी आवश्यक था क्योंकि सरकार ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बहुत बड़े वर्ग को बेरोज़गार करने का फैसला कर लिया है जिसके विरोध को धर्म की घुट्ठी पिला कर ही काबू किया जा सकता है।
रही बात एंटी रोमियो स्क्वाएड की तो उसे जल्द ही या तो खत्म कर दिया जाएगा या फिर उसे साम्प्रदायिक रंग दे दिया जाएगा। यह आशंका इसलिए है कि शहरों में नवजवान जोड़े मॉल और फास्ट फूड के बड़े ग्राहक हैं, इसलिए उस सेक्टर को कोई भी सरकार ज़्यादा दिनों तक नाराज़ नहीं रख सकती।
बाकी मीडिया भी एक बड़ी इंडिकेटर है। आप देख सकते हैं कि मोदी की जगह योगी उसकी पसंद बनते जा रहे हैं। क्यों? इसका जवाब ढूंढिए सब कुछ साफ दिखाई देने लगेगा।
मसीहुद्दीन संजरी
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