छँटनी नहीं बर्खास्तागी के शिकार हुए हैं पंकज
छँटनी नहीं बर्खास्तागी के शिकार हुए हैं पंकज
भाई पंकज परवेज Pankaj Srivastava को बेईज्जत कर निकाले जाने पर खुशी जिनको जतानी चाहिए वो तो मायूस ही दिखे पर कई हमख्याल (शायद आभासी), सुर्ख लाल चढ्ढी वाले तो लगभग जश्न मनाते दिख रहे हैं।
एक साहेब ने...नहीं... दो तीन ने..उन्हें आईबीएन की छँटनी से जोड़ते हुए कह दिए कि तब की चुप्पी के बाद अब काहे का स्यापा...
एलानिया नाम लेता हूँ हिन्दी, अंग्रेजी के नामी सरवराहकारों चाहे वो शौरी, पडगांवकर, प्रभाष जोशी हों या कि राजेंद्र माथुर सबके जमाने में ये करम किया है मैनेजमेंट ने और सब चुप्पी ही साधे रहे।
अब किसी मुँहलगे, चमचे की नौकरी बचाने का किस्सा सुना इसे हल्का न कर देना ( कि फलां संपादक ने इसकी या उसकी नौकरी बचा ली थी)
छँटनी और बर्खस्तगी में फर्क होता है। और बर्खस्तगी बिना नोटिस, आरोप पत्र, जवाब के नही हो सकती।
पंकज छँटनी नही बर्खस्तागी के शिकार हुए हैं।
और हाँ पंकज ( जिन से मेरी मतभिन्नता रहती है, कमोबेश हर हफ्ते लड़ाई रहती है), बेईमान नहीं हैं, रिश्वतखोर नहीं, निर्मम नहीं, एय्याश नहीं और वामपंथी (मैं नहीं हूँ इसका प्रमाण पत्र और लोग देंगे) हों न हों पर हमेशा जनपक्षधर रहे।
कुछ दिन ही पहले भाई दीपक शर्मा Deepak Sharma के आज तक छोड़ने पर गौर फरमा रहा था तो लगा कि वक्त मुश्किल है। आज तो उन्हें आप के साथ शाना ब शाना देखा..खुशी हुई..
मुसलसल दुश्मन- ए- जाँ की निगेहबानी में रहना है
जहाँ घड़ियाल रहते हैं उसी पानी में रहना है|
अभी है सब्र मुझमे जितना जी चाहे सता ले तू,
फिर उसके बाद तुझको ही परेशानी में रहना है|
सिद्धार्थ कलहंस
दिल्ली चुनाव में हार की दहशत भाजपा पर हावी : पंकज श्रीवास्तव की बर्खास्तगी अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
सात साल बाद अचानक सच बोलना गुनाह हो गया !!!! IBN7 के एसो.एडिटर पद से बर्खास्त हुए पंकज श्रीवास्तव
भाजपा डाल रही मीडिया मालिकों पर दबाव !
IBN7 Associated Editor Pankaj Srivastava Sacked For Raising Voice Against Bias in Delhi Election Coverage.
#IBN7 के एसो.एडिटर पद से बर्खास्त हुए #पंकजश्रीवास्तव


