पहलवानों का केस सुप्रीम कोर्ट द्वारा बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण

मेरठ एनकाउंटर : यूपी में पुलिस राज

लखनऊ, 4 मई। भाकपा (माले) ने जंतर मंतर पर आंदोलनकारी पहलवानों से बुधवार देर रात पुलिस के दुर्व्यवहार व हमले की कड़ी निंदा की है।

पार्टी ने कहा है कि जब आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को केंद्र सरकार का खुला संरक्षण मिल रहा हो, दिल्ली पुलिस महिला खिलाड़ियों की एफआईआर दर्ज करने के बाद फिर से उसपर कुंडली मारकर बैठ गई हो और दबंग आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय शिकायतकर्ताओं के ही उत्पीड़न पर उतर आई हो, ऐसे नाजुक समय में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहलवानों की केस फ़ाइल बन्द किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे न्याय की आस को धक्का लगा है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी एक बयान में कहा कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न की शिकायत मामले में केंद्र सरकार और उसकी दिल्ली पुलिस की भूमिका शर्मनाक है। पोक्सो एक्ट लगने के बावजूद भी आरोपी आजाद है और मीडिया में साक्षात्कार देते फिर रहा है। संजीदा धाराओं में दर्जनों मुकदमे पहले से दर्ज हैं, लेकिन सत्ताधारी दल से होने के कारण बाल भी बांका नहीं हो रहा। कानून का यह माखौल देश की राजधानी में हो रहा है। ऐसे में अब जन आंदोलन का ही सहारा है।

माले नेता ने कहा कि धरनारत पहलवानों के पक्ष में जन समर्थन लगातार बढ़ रहा है। न्याय की लड़ाई अब सड़कों पर ही लड़ी जायेगी। दिल्ली का शाहीनबाग देश भर में जनांदोलनों का प्रेरणास्रोत बना। दिल्ली के ही किसान धरने ने मोदी सरकार को घुटनों पर ला दिया। अब पहलवानों, महिलाओं और नौजवानों की बारी है, जब वे शांतिपूर्ण संघर्ष के बल पर न्याय हासिल करके रहेंगे।

इस बीच, एक अन्य बयान में माले राज्य सचिव ने मेरठ में कथित गैंगस्टर अनिल दुजाना की एसटीएफ द्वारा घेरकर मार डालने की खबर पर कहा कि मोदी सरकार ने बुलडोजर राजनीति कर यूपी को एनकाउंटर प्रदेश बना दिया है। कानून, अदालत और मानवाधिकारों के सम्मान की बात बेमानी हो गई है। किसी की जान लेने के फैसले बिना न्यायिक प्रक्रिया के सरकार खुद कर रही है। यह संविधान और लोकतंत्र का अपमान है। यूपी में पुलिस राज है। मेरठ एनकाउंटर की जांच हो।

CPI (ML) strongly condemns police misbehaviour with agitating wrestlers at Jantar Mantar.