जज लोया की मौत मामला : बड़ा षड़यंत्र, BJP-RSS ने अपने आदमी से PIL कराकर खारिज करवा दी जांच की मांग ?
जज लोया की मौत मामला : बड़ा षड़यंत्र, BJP-RSS ने अपने आदमी से PIL कराकर खारिज करवा दी जांच की मांग ?
मोदी सरकार सिर्फ उन्हीं लोगों को सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त करना चाहती है जो उसके चहेते हैं।
नई दिल्ली, 26 अप्रैल। कांग्रेस ने जज लोया की मौत मामले में आज एक बड़ा गंभीर आरोप लगाया। कांग्रेस के कहे का अर्थ निकाला जाए तो BJP-RSS ने अपने आदमी से ही PIL कराकर सर्वोच्च न्यायालय में जांच की मांग खारिज करवा दी।
आज यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि
“सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि PIL का दुरूपयोग होता है, हम सहमत हैं; कई बार इसलिए भी PIL दाखिल की जाती है ताकि किसी चीज को दबाया जा सके।”
उन्होंने कहा कि
”ये सरकार जिस तरह से न्यायपालिका से व्यवहार कर रही है उसे सारा देश जानता है।”
श्री सिब्बल ने कहा कि
”जज लोया केस की जाँच के बाद कई जनहित याचिकाएं दायर की गईं। लेकिन हालिया याचिका राजनीति से प्रेरित थी। एक जनहित याचिका सूरज लोलगे द्वारा 27 नवंबर 2017 को नागपुर उच्च न्यायालय पीठ में दाखिल की गई। यह सूरज लोलगे आरएसएस विचारकहैजिसने बीजेपीकेटिकट पर म्युनिस्पल चुनाव लड़ा था।”
सिब्बल ने खुलासा किया कि
”30 जनवरी 2018 को एआईसीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, सूरज लोलगे और सतीश उइके के भाई के बीच एक फोन वार्तालाप ने खुलासा किया कि लोलगे की याचिका # जजलोया मामले को एससी में ले जाने के इरादे से दायर की गई, जहां स्वतंत्र जांच को खारिज कर दिया गया था।”
उधर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि मोदी सरकार सिर्फ उन्हीं लोगों को सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त करना चाहती है जो उसके चहेते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कानून कहता है कि उन्हीं न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया जाना चाहिए जिनके नाम की सिफारिश चयन मंडल यानी कॉलेजियम ने की है। कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी और न्यायमूर्ति जोसेफ के बारे में बेहतरीन टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा कि कॉलेजियम की इस टिप्पणी को इस साल 10 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने अपनी बेवसाइट पर लगाया था। वेबसाइट में न्यायमूर्ति जोसेफ को सबसे बेहतर जज बताकर उनकी जमकर तारीफ की गयी थी, लेकिन इस टिप्पणी के बावजूद अब तक उनको उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नहीं बनाया गया। उल्टे उनका नाम कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया गया है।
प्रवक्ता ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि जनहित में उसे न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय में सिर्फ 24 न्यायाधीश हैं, जिनमें से छह इसी साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 410 पद रिक्त हैं। लोगों के मामलों पर जल्दी सुनवाई हो, इसलिए इन पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए।
पहली बार एक प्रैक्टिसिंग अधिवक्ता महिला को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया जा रहा है, इसके लिये बधाई @KapilSibal
— Congress Live (@INCIndiaLive) April 26, 2018
A PIL was filed in Nagpur bench by Suraj Lolage in 27 Nov, 2017. This Suraj Lolage had contested for a BJP ticket in Municipal elections. He is an RSS ideologue: @KapilSibal
— Congress Live (@INCIndiaLive) April 26, 2018
After the press conference in AICC on 30 Jan 2018, a phone conversation between Suraj Lolage & Satish Uke's brother revealed that Lolage's petition intended to elevate #JudgeLoya case to SC, where independent probe was rejected : @KapilSibal
— Congress Live (@INCIndiaLive) April 26, 2018


