पूंजीवादी ताकतों ने लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है मोदी का सत्ता में आना इस बात का उदाहरण है।
कारपोरेट लूट के खिलाफ किसानों और मजदूरों को लामबंद कर संघर्ष करेगा समाजवादी समागम
अंबरीश कुमार
लखनऊ। पनवेल से शुरू हुआ समाजवादियों का अभियान रंग लाने लगा है। इस अभियान को अब जन समर्थन मिलने लगा है। उत्तर प्रदेश में चार दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में हुए समाजवादी समागम की सफलता से यह साफ़ हो गया है। आगरा में समाजवादी समागम ने टोरेंट बिजली कंपनी के खिलाफ आवाज तेज की तो आज मऊ में कारपोरेट घरानों की लूट के खिलाफ मजदूरों से लेकर किसान नौजवान को लामबंद करने पर जोर दिया गया। आगरा के बाद झाँसी और फिर आज मऊ में हुए समाजवादी समागम में खांटी समाजवादी, गांधीवादी और वामपंथी तो शामिल थे ही साथ ही नौजवानों का एक बड़ा वर्ग जुड़ता नजर आया।
इस मौके पर राजीव हेम केशव ने कहा कि 16 मई चुनावी परिणाम के बाद देश फर्क स्थिति में आ चुका है। केंद्र की भाजपा सरकार हर क्षेत्र में अराजकता पैदा कर रही है। देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए रक्षा में सौ फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का फैसला किया गया। ये राष्ट्रवादी नहीं राष्ट्रद्रोही है। जो सविंधान में समाजवादी सिद्धांत के खिलाफ लुटेरी ताकतों के साथ मिलकर काम कर रही है। ऐसे में देश में राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन के संगठन की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि विचारों की एकता नहीं 'मुद्दों की एकता' से आजादी की लड़ाई लड़ी गई। आज फिर आजादी की दूसरी लड़ाई मुद्दों की एकता पर लड़नी होगी।
जेपी राय ने इस मौके पर कहा कि वो (पूंजीवादी) तो अपना काम निष्ठा, प्रतिबद्धता से कर रहे हैं। हम अपना काम ईमानदारी, निष्ठा से नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में पॉपुलर फ्रंट की जरूरत है, तो साथ ही सांस्कृतिक बदलाव की भी जरूरत है।
किसान नेता और समाजवादी समागम के राष्ट्रीय संयोजक डा सुनीलम ने ने कहा कि देश भर में समाजवादी धारा को ताकत देने और निचले स्तर पर संवाद शुरू करने के लिए समाजवादी नीतियों को लेकर समाजवादी विचार यात्रा अगले वर्ष शुरू की जाएगी।
आज हुए समाजवादी समागम में तीन समितियां बनाई गईं, जिनमें एक अन्य सहमाना संगठनों से संवाद करेगी तो दूसरी संघर्ष के मुद्दों को तलाशकर संघर्ष की रूपरेखा बनाएगी।
समागम में बोलते हुए राम अवतार सिंह ने मौजूदा हालात का हवाला देते हुए कहा कि देश को पूंजीपति, कारपोरेट घरानों के हवाले कर दिया गया है। ऐसे में मजदूर आंदोलनों को ताकत देने की जरूरत है।
राघवेंद्र राय ने किसानों का सवाल उठाते हुए कहा कि किसान न्याय के साथ होते हैं। वे साथ खड़े होंगे तो सभी तरह की समाजवादी शक्तियों को एक साथ आना होगा और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनआंदोलन के रास्ते पर जाना होगा।
अजीम भाई ने समाजवादी समागम के इस अभियान को गांवों तक ले जाने पर जोर दिया।
भाकपा माले की ताहिरा हसन ने कहा कि पूंजीवादी ताकतों ने लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है मोदी का सत्ता में आना इस बात का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बाजार की ताकत, मीडिया और साम्प्रदायिकता का गठजोड़ देश के लिए खतरनाक है। ऐसे में किसान की लड़ाई के साथ खड़ा होना होगा। दुर्भाग्य तो यह है कि सरोकार के सारे सवालों पर कारपोरेट मीडिया खामोश है। गरीबों के शिक्षा, स्वस्थ्य के सवाल पर सभी चुप हैं, मीडिया में कोई चर्चा नहीं है।
किताबुलानिशा ने कहा कि सबसे पहले अपने घर में समाजवाद पैदा करना होगा फिर समाज की बात होगी। कथनी व करनी एक करनी होगी।
विजयनारायण सिंह ने कहा कि सारी नौकरी आज ठेका मजदूरी हो गयी है। मोदी छोटे-छोटे देशों को भारत में निवेश को आमंत्रण देकर देश को गिरवी रखते जा रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा पूंजीवादियों के एजेंट हैं और मोदी की सरकार तो एक कदम आगे बढ़कर देश को गिरवी रखते जा रहे हैं। देश में छह करोड़ मजदूर हैं जिनमे दो करोड़ बंधुआ मजदूर हैं।
खांटी समाजवादी गिरीश पांडेय ने इस मौके पर कहा कि आगरा समेलन में टोरंट को भगाने का निर्णय लिया गया है।
बुंदेलखंड में निर्णय लिया गया है कि दिसम्बर में विधानसभा पर आन्दोलन किया जाएगा। ये आन्दोलन यमुना एक्सप्रेस वे व बिजली की नीतियों के खिलाफ भी होगा।
उ.प्र की सरकार एक वचन-भंगी सरकार है इसके खिलाफ मुलायम के जन्मदिन 22 नवम्बर को जब वे यमुना एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर रहे होंगे व मिठाइयाँ बाँट रहे होंगे उसी दिन आंगनबाड़ी व बिजली के सविंदा कर्मचारी उपवास रखेंगे।
अम्बरीश कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं। छात्र आन्दोलन से पत्रकारिता तक के सफ़र में जनता के सवालों पर लड़ते रहे हैं। जनसत्ता के उत्तर प्रदेश ब्यूरो चीफ रहे् हैं और इस समय जनादेश न्यूज़ नेटवर्क समाचार एजेंसी के कार्यकारी संपादक हैं।
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