जन्मदिन मुबारक!! आका!
जन्मदिन मुबारक!! आका!
मोदी जी बहुत बधाई आपको जन्मदिन की! बंधी नर्मदा के किनारे आपका जन्मोत्सव समारोह विशाल होगा। आपका नदी प्रेम जग जाहिर है। यमुना किनारे ढेर सारे श्री वाले श्री रविशंकर जी के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाच गाना किया। गंगा पुत्र तो आप हैं ही। बनारस से चुनाव जीत कर आपने सिद्ध कर दिया। 20 हजार करोड़ की ‘‘नमामि गंगा’’ परियोजना चालू की। मुझे याद है उमा जी खूब उछल कूद कर रही थीं। सारे गंगा पुत्र-पुत्रियां पहुंचे थे विज्ञान भवन में। गंगा मंथन था। तीन साल में मट्ठा भी नहीं निकला तो आपने अपने पुराने क्षत्रप गडकरी जी को लगा दिया। बिचारी उमाजी फिर गंगा यात्रा पर निकल रही हैं।
कमाल के बाजीगर हैं आप। अब इसमें आपका क्या कसूर। वो उमा जी को शायद नर्मदा के सरदार सरोवर के विस्थापितों की हाय लगी या गंगा ने शापित किया, ये अभी चर्चा का विषय नहीं हां आपके नदी प्रेम की बात हो रही थी, आपने तो चीन के प्रधान को साबरमती में नर्मदा का जल बहाकर, किनारे पर पोहा खिलाया था, फिर आप नर्मदा सेवा यात्रा की समाप्ति पर भी पधारे थे, अब गुजराज भर में नर्मदा यात्रा चालू है।
रूपिन जी चिल्लाकर मीडिया में कह रहे हैं कि आपने 17 दिन में सरदार सरोवर की अंतिम 17 मीटर ऊंचा बढ़ाने की हिम्मत दिखाई। वो भी बिना किसी अन्य मंत्रालय को खबर दिये। अब उमाजी तत्कालीन गंगा मंत्री (नर्मदा की तपस्विनी) और सामाजिक सहकारिता मंत्री गहलौत तो यही कहते रहे। शायद आपको बदनाम करते होंगे।
हाँ, जी तो आपको बहुत बधाई जन्मदिन की। आखिर देश के बादशाह हैं आप। अब करदाताओं का इतना फर्ज बनता ही है, जीएसटी भी लागू हो गया है कि आपका जन्मदिन खूब धूमधाम से मनाया जाये।
आप चिंता ना करें ! सब कुशलपूर्वक होगा। मध्य प्रदेश के मामा जी ने खूब तैयारी की है। बिचारे मामाजी ने नर्मदा घाटी के हजारों विस्थापित परिवारों को टीन शेड में डालने का इंतजाम किया है। ये मेधा पाटकर ने बहुत तंग किया है उनको। कभी कोर्ट, कभी धरना, घेराव, सत्याग्रह, उपवास . . . . क्या-क्या नहीं करती हैं। 32 साल से घाटी के लाखों-लाख लोग भी, पता नहीं उनके किस जादू में हैं। मोदी जी आप इस पर भी सीबीआई से जांच कराओ। 65 साल की इस महिला ने अपने उपवास के बीच में ही सरकारी कर्मचारियों का अपहरण कर लिया था, वो तो मोदी जी मामाजी ने हजारों पुलिस भेज कर उठवा दिया। खूब मारा लोगों को। तम्बू तोड़ा। हजारों पर केस भी लगाये। इंदौर के अस्पताल से छूटकर फिर नर्मदा घाटी जाने लगीं तो 36 गाडि़यां भेजकर मेधा पाटकर को फिर पकड़ा। जेल में डाला। अब कोशिश तो खूब की पर उच्च न्यायालय ने जमानत दे दीं। अब क्या करें ? ये अदालतें भी ना बस ! कुछ ना कहो। उनको समझना चाहिये कि देश के बादशाह के सपने में रोड़ा लगा रही हैं मेधा पाटकर। आप इन लोगों का भी उन्माद देखिये जब वे जेल में थीं तो हजारों लोग जेल भरो आंदोलन के लिये पहुंच गये। उनके रिहा होने पर 72 वाहनों में जेल से वापिस लेकर गये।
ये सब स्वार्थी अपनी जमीन, सम्पत्ति के साथ पुनर्वास के लिये हल्ला मचाते हैं। भला ये क्या जानें आपके विकास को। बस आप पर ‘‘अंबानी-अडानी के लाभ दिया‘‘ का आरोप लगाते हैं। मोदीजी, आप इन आरोपों से मत चिढ़ना आखिर आपके चुनाव में पैसा लगाया है तो वापिस तो देना ही होगा ना। फिर अगले चुनाव भी हैं ये लोग बस आरोप लगाना जानते हैं। आप पर जल हत्या का आरोप लगा रहे हैं। लगाने दीजिये। अब 2002 में हजारों मुसलमानों की हत्या का आरोप भी तो लगाया था, उसे ही कौन सिद्ध कर पाये। आप परवाह मत कीजिये। उत्सव स्थान पर पूजा-अर्चना, हजारों पंडित सारे मुख्यमंत्री खासकर बीजेपी वाले आयेंगे ही। खूब घंटे-घडि़याल बजेंगे। जोर से बजवाईयेगा। वहीं कहीं केवडि़यां कालोनी से विस्थापित पुनर्वास का शोर मचा रहे होंगे। अब आप उनकी चिंता भला क्यों करने लगे जी, उनसे नेहरूजी ने वादा किया था आज नेहरूजी तो वादा करके चले गये। इसरो से लेकर सरदार सरोवर बांध अब आपने ही बनाया। आप बस श्रेय लेने की चिंता करो। वो ही वाजिब बात है आपके लिये।
मैं तो कहता हूं लगे हाथों अमित शाह, जेटलीजी से आपकी मूर्ति के लिये लोहा इकट्ठा करवाने की घोषणा करवा दीजिये। मायावती जी ने भी तो लगवाई। फिर आप जैसा पीएम मोदी तो होने से रहा। ये तीन हजार करोड़ की पटेल जी की मूर्ति चीन में बनवा कर आपने आफत ही मोल ले ली। इन सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने संघ पर पाबंदी लगाई थी। बल्कि आपकी हर नये कुर्ते, कमीज, पैंट, धोती व हर नयी अदा की एक मूर्ति देश के हर चौराहे पर हो। उसी की इर्द-गिर्द संघ की शाखा भी लगे। भक्तों को भी भावना व्यक्त करने की जगह मिल जायेगी।
सच्ची कह रहा हूं, नोटबंदी की कसम इससे अच्छा कोई क्या विकास कार्य भी नहीं, आखिर कितने सारे लोगों को काम मिलेगा। सांसदों को भी कुछ ठेके मिल जायेंगे। जो बिचारे पिछले दिनों के ताशफेर में मंत्री बनने से रह गये। मोदीजी आप सादगी व त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। मेधाजी को तो आप बरसों से जानते हैं, वे तो आदिवासी, किसान, बांध विस्थापित, सतत विकास वगैरह-वगैरह मुद्दे उठाती हैं, वे क्या जाने देश का विकास किसानों की कर्जमाफी में थोड़े ही होने वाला है, बिचारे पूंजीपतियों का अरबों का टैक्स माफ होगा तभी तो देश तरक्की कर पायेगा।
मोदी जी आपका वो सर्जिकल स्ट्राईक वाला अंदाज बहुत पसंद आता है। भक्तों ने हर बात में इसे जोड़ दिया था। आप 17 सिंतम्बर को ऐसा ही कुछ कीजिये ना!! हवाई छतरी से कूदिये, बांध जलाशय पर स्कूपा करीये, बांध के उपर उल्टे खड़े हो जाइये। कुछ भी कीजिये पर तमाशा मजेदार हो और हंा फेंकना जबरदस्त। वो भी ऐसा कि सरदार सरोवर से कोकाकोला व उद्योगों को पानी देने का, नहरों के उल्टे जाल, गैरकानूनी खनन, अडानी को नर्मदा किनारे सड़क का ठेका, पुनर्वास में धांधली-भ्रष्टाचार जैसे तमाम विकास विरोधी बातें उड़ जायें। खैर इसमें कोई सानी नहीं आपका।
मुझे बड़ा गुस्सा आया था जब मेधाजी ने आपको खुला पत्र लिखा- ‘मन की बात या मनमानी बात।’ अब आप देश के बादशाह हो। हिन्दू सम्राट हो। आपके शासन में भीड़तंत्र राजनैतिक स्तरहीनता, हत्यायें, गौवंश मांस निर्यात, हिन्दू अतिवादिता, दलित अत्याचार, मुसलमानों में भय आदि सब खूब फलाफूला है। आप क्यों इस अहिंसक, 32 साल पुराने नर्मदा बचाओ आंदोलन की परवाह करें ? इन आदिवासी, इस निमाड़ की, इस कड़माल गांव की जहां एशिया का पहला किसान हुआ। आपको देश का विकास करना है। संसार में मान बढ़ाना है। 56 इंच के हृदय, क्षमा करें 56 इंच की छाती पर तमगे लगवाने हैं, हृदय तो सिर्फ मन की बात कहने के लिये है। तो आप जन्मदिन मनाइये हमारी बधाई के साथ। हाँ इन विस्थापितों के वोटों की चिंता भी मत कीजिये। अमितशाह जी सब ‘‘सैटल‘‘ कर लेंगे।
आपने पुराने जुगलबंद, नीतिश कुमार जी को बुलाया है ना ? वो पिछले साल बड़वानी, राजघाट गये थे। मेधा जी के साथ फूल भी चढ़ाये थे। पर अब मजाल है जो वे चूं भी कर गये हों जब मामाजी ने बड़वानी में नर्मदातट पर आधी रात को गांधी समाधि तुड़वाई थी। वे अब सच्चे भक्त का रोल अदा कर रहे हैं।
मुस्लिम बहनों का आशीष भी खूब लग रहा होगा, बस वो गुजरात के किसी घर में मन मसोस कर यशोदाबेन आपको धूपबत्ती दिखाते हुये बैठी होंगी। मांजी जरूर बैंक गई होंगी। 200 के या 50 के नये नोट लेने। आखर अपने सर्वत्यागी बेटे को गिफ्ट भी तो देने होंगे!
वे देव दासियां, दहेज पीडि़त हिन्दू महिलायें, दलित माहिलायें, खाप पीडि़त हिंदू महिलाओं इन सब पर अपने शब्द बर्बाद मत कीजियेगा।हंा दलित प्रेम की बानगी जरूर अपने भाषण में दिखा दीजियेगा।
अरे मैं भटक गया। नया-नया भक्त हूं। चाटुकारिता के पैमाने पूरे नहीं सीखे हैं। तीस एक साल से मेधाजी ने नर्मदा का जल मेरे छोटे से हृदय में भर रखा है, तो भटक जाता हूं। माफ करियेगा। मैं कांग्रेस युक्त बीजेपी च्च्च् फिर जबान फिसल गई। उत्तराखंड याद आ गया था। हां जी कांग्रेस मुक्त भारत का सच्चा देशभक्त हूं। वंदेमातरम् भी कहता हूं और किसी सैनिकों को याद करके बैंक की लाईन में भी घंटों खड़ा हुआ था।
आप जमकर जन्मदिन मनाओ, टीवी, फेसबुक, व्हाटसअप, ट्वीटपर . . . . सब ओर मनाना। इतना मनाना कि जेल से निकलते ही ‘‘लड़ेंगे-जीतेंगे’’ का नारा देने वाली मेधाजी के स्वर के साथ लाखों सरदार सरोवर के विस्थापितों का अनथक संघर्ष और देश में उठने वाली समर्थन की आवाजें गुम हो जायें। देश का कोई भी बांध विस्थापित विरोध की आवाज ना उठा सके। चाहे वो आपके नये सपने पंचेश्वर बांध प्रभावित क्यों ना हो ?
पर सावधान आका हजूर! ये नर्मदा के लोग बड़े शैतान हैं, हार नहीं मानेंगे।
(विमल भाई, लेखक बांधों के मुद्दों पर कई सालों से काम कर रहे हैं। जन आन्दोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के भी समन्वयक भी हैं।)


