जब मोदी ने पूछा – “क्या मैं गरीबों, किसानों के लिये काम नहीं कर रहा हूं ?”, जनता ने दोनों हाथ उठाकर कहा – “नहीं”
जब मोदी ने पूछा – “क्या मैं गरीबों, किसानों के लिये काम नहीं कर रहा हूं ?”, जनता ने दोनों हाथ उठाकर कहा – “नहीं”
जब मोदी ने पूछा – “क्या मैं गरीबों, किसानों के लिये काम नहीं कर रहा हूं ?”, जनता ने दोनों हाथ उठाकर कहा – “नहीं”
ओफ ! यह आलिंगन !
पूरा दिन बीत गया, लेकिन मोदी जी राहुल के आलिंगन की अनुभूति से मुक्त नहीं हुए। उत्तर प्रदेश में किसानों की एक सभा में वे लोकसभा की बहस में ही डूबे रहे और किसानों से पूछते रहे - बताओ ! जब मैं नहा-धोकर सफेद-झक्क कपड़ें में सजा-धजा सदन में बैठा था उस समय उस लड़के ने मेरे गले पड़के क्या अच्छा किया ? शुचिता भी कोई चीज होती है ! उसकी गंध अभी भी मुझे परेशान कर रही है !
‘टेलिग्राफ’ में पियूष श्रीवास्तव की यह रिपोर्ट देखिये। शाहजहांपुर में उन्होंने अपना आधे से ज्यादा भाषण राहुल के आलिंगन से मुक्ति में ही खर्च कर दिया। दर्जनों जिलों से भर कर लाये गये किसानों से वे पूछ रहे थे - “कल मैंने लोक सभा में अपना काम किया - आप संतुष्ट हैं तो ?”
फिर कहते हैं - “आप जानते हैं उसने (राहुल ने) गलत क्या किया ? आपको पता है, वह मेरी कुर्सी की ओर क्यों लपक रहा था ?”
दोनों बांहे उछालते हुए कहते हैं - “उसे प्रधानमंत्री की कुर्सी के अलावा और कुछ नहीं दिखाई दे रहा है।”
और फिर ऊंची आवाज में कहते हैं - “बताओ, आपकी सेवा में मैंने पूरे चार साल लगा दिये, उसमें गलत क्या किया ? ... क्या मैं गरीबों, किसानों के लिये काम नहीं कर रहा हूं ?”
‘टेलिग्राफ’ की इस रिपोर्ट में कहा गया है - “श्रोताओं में से कुछ ने दोनों हाथ उठाएं और चिल्ला कर कहा : “नहीं ।”
पढ़ियें यह रिपोर्ट :
PM complains to farmers about Rahul
https://www.telegraphindia.com/india/hug-hangs-over-modi-rally-246792
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