जब संघियों ने कहा - पृथ्वी माता की हत्या नहीं की जा सकती/ इसलिए हम उसकी हत्या करेंगे / जो पृथ्वी माता पर सवाल उठायेगा
जब संघियों ने कहा - पृथ्वी माता की हत्या नहीं की जा सकती/ इसलिए हम उसकी हत्या करेंगे / जो पृथ्वी माता पर सवाल उठायेगा
पृथ्वी की सन्तान
(फ़िल्म निर्देशक)
पृथ्वी, सूरज के चारों ओर
कई सालों, दशकों और सदियों से
घूमते हुए थक चुकी है
पृथ्वी रोने लगी और कहा
"मुझे थोड़ा आराम चाहिए"
'मैं इस दिनचर्या से थक चुकी हूँ
एक हाउस वाइफ की तरह
सब की सेवा करते करते मैं थक चुकी हूँ
ये सब मैं और सहन नहीं कर सकती
तुम्हारा मैरिटल रेप मैं और नही सह सकती
तुम मेरे पति नहीं हो, तुम केवल मेरी सन्तान हो
तुम ने मेरी प्रजनन क्षमता को नष्ट किया है
जब से तुम जैसे हानिकारक जीवों ने
मेरे उपजाऊ शरीर पर हमला किया है
तब से, न जाने मेरी कितनी ही संतान
मेरे शरीर से विलुप्त हो चुकी हैं
तुम एक कारण बताओ
तुम्हारी सेवा मुझे क्यों करनी चाहिए ?
तुम इंसानो का बोझ
मेरी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है
जबकि तुम इंसान अपनी प्रजनन क्षमता को
अपनी पहचान के रूप में देखते हो
तुम्हारा कोई डॉक्टर अब मुझे ठीक नहीं कर सकता
मुझे थोड़ी देर के लिए रुक जाने दो
गुस्से भरे स्वर में पृथ्वी ने कहा '
और उसने घूमना बन्द कर दिया
सब बहुत परेशान हो गए
पृथ्वी की ओर उजाला तो दूसरी ओर अंधेरा हो गया
अमेरिका में अंधेरा हो गया व्हाइट हाउस में अंधेरा हो गया
सी. आई. ए. और रक्षा विशेषज्ञों के सेमिनार के लिए
टॉयलेट पेपर से आग जलाई गई
अंधरे में वो एक दूसरे को छू कर
समझना चाह रहे थे कि कौन, क्या है?
गिनीज बुक ने अपनी दुकान बंद कर दी
भारतीय सो नही पा रहे थे
नदी सूख गई थी और समुद्र शांत हो चुका था
बांध और पावर प्लांट बंद हो गये थे
सड़के वीरान थीं, मेट्रो नहीं चल रही थी
ऑफिस और दुकानें, सब कुछ खाली था
पानी या तो भाप बन गया था या बर्फ
भोजन स्वपन हो चुका था
संघियो ने एक दूसरे को मारना शुरू कर दिया
ये हमारे राष्ट्र का प्रश्न नहीं है ये सीमा रहित मानव का प्रश्न है
पृथ्वी माता की हत्या नहीं की जा सकती
इसलिए हम उसकी हत्या करेंगे
जो पृथ्वी माता पर सवाल उठायेगा
बहुत से देशों के नागरिकों ने
अपने देश और पार्टी के झंडे जला दिए
गायें भोजन और भगवा वस्त्र की खोज में
पागलों की तरह दौड़ रही थीं
मार्क्सवादियों ने कहा,
ये सब पूंजीवाद का परिणाम है
केवल वर्ग संघर्ष ही पृथ्वी को
फिर से गतिमान बना सकता है
आदिवासी प्रार्थना कर रहे थे
हे माँ!!! तू तो सभी माँओ की माँ है
तू जानती है कि हमारा कोई दोष नहीं है
तू ने ही इन मूर्खों को पैदा किया है
हम पर कृपा करो माँ
इस आपदा से हमारी रक्षा करो
हम तुम्हारी सन्तान हैं और हमेशा रहेंगे
हम पर कृपा करो माँ
और इन मूर्खों को सद्बुद्धि दो
फिर भी पृथ्वी रुकी रही
तभी विकास के भगवान ने नीचे की ओर देखा
और कहा कि हे ईश्वर ! ये मैंने क्या कर दिया ?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस
या इसरो और आई. आई. टी. के विशेषज्ञ
शायद इस समस्या को हल कर पाए
एम. आई. टी. के पास भी इसका हल नही था
वैज्ञानिक सोच में पड़ गए
तभी एक वैज्ञानिक ने कहा,
यदि पृथ्वी हमारे खिलाफ हो गयी है तो
हमें एक वायरस भेजना चाहिए
नहीं, इस से पृथ्वी चलने नही लगेगी
दूसरे वैज्ञानिक ने कहा,
तो हमें स्वयं घूमना शुरू कर देना चाहिए
एक अन्य ने कहा,
और पहली बार, उन्होंने एक दूसरे का हाथ पकड़ा
और आदिवासियों के साथ नाचने और गाने लगे
जली हुई पृथ्वी ने गाने की धुन सुनकर
अपनी आँखें खोली वो मुस्कुरायी और कहा,
मैं इस गाने को जानती हूँ, पृथ्वी ने महसूस किया
कि वह फिर से चलने लगी है
स्वर्ग को आश्चर्यचकित करने के लिए
पृथ्वी, फिर से सूर्य के चारो ओर,
आदिवासियों की गति के साथ घूमने लगी
ये देख कर विकास के भगवान ने खुद
बदलो के बीच कहीं छिपा लिया
अनुवाद
नताशा खान
(लॉ स्टूडेंट)


