जमात-ए-इस्लामी हिन्द का देशव्यापी शांति और मानवता अभियान
जमात-ए-इस्लामी हिन्द का देशव्यापी शांति और मानवता अभियान
जमात-ए-इस्लामी हिन्द का शांति और मानवता अभियान
नई दिल्ली। जमात-ए-इस्लामी हिन्द ‘‘शांति और मानवता‘‘ नाम से एक राष्ट्रीय अभियान का आयोजन करने जा रहा है।
यह जानकारी जमात-ए-इस्लामी हिन्द की एक विज्ञप्ति में दी गई है।
जमात-ए-इस्लामी हिन्द की विज्ञप्ति निम्नवत् है -
जमात-ए-इस्लामी हिन्द का संक्षिप्त परिचय
जमात-ए-इस्लामी हिंद भारत वर्ष का एक प्राचीन सामाजिक.धार्मिक संगठन है जो 1948 से समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। इसका फैलाव देश के हर राज्य, शहर एवं गाँव तक है। संगठन नैतिकता, सब के लिए न्याय और परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और एक आदर्श समाज का निर्माण करने का प्रयास कर रहा है।
हम विशेष कर मुस्लिम समुदाय की महिलाओं अथवा पुरूषों, भारतीय समाज के वंचित और पीड़ित वर्गों के शैक्षिक आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए प्रयास कर रहे हैं।
हम राष्ट्रीय राजनीति में नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने और वैश्विक साम्राज्यवाद और क्रोनी कैपिटलिज्म के चंगुल से भारत की रक्षा के लिए प्रयासरत हैं।
जमात-ए-इस्लामी हिंद गरीबी, बीमारी, भुखमरी, अशिक्षा, बेरोजगारी के उन्मूलन के लिए और हमारे सामाजिक ताने.बाने के संरक्षण की दिशा में काम करती है। सांप्रदायिक सद्भाव और आपसी विश्वास, सहिष्णुता और सम्मान के आधार पर एक दूसरे के संबंधों के सुदृढ़ीकरण की ओर अग्रसर हैं।
शांति और मानवता अभियान की पृष्ठभूमि
1.25 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां 6000 जातियों 1700 भाषाओं और 6 वंशों का एक अनुठा समूह बसता है। दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों के लोग भारत में सदियों से शांित और सद्भाव के साथ रहते आये हैं और विविधता के साथ एकता हमारे देश की ताकत और पहचान है।
तमाम मतभेदों के बावजूद मानवीयता का धागा सभी देशवासियों को एक साथ बांधता है। हालांकि यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ अतिवादी विचारधाराओं, सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों द्वारा अपनी जड़ें जमाने का प्रयास कर रहे हैं और देश का समाजिक ताना-बाना बिखराव का शिकार हो रहा है। कुछ अवसरवादी तत्व अपने स्वयं के क्षुद्र राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक लाभ के लिए लोगों के बीच विदवेश के बीज बो रहे हैं।
हाल के महीनों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी आयी है। लेकिन अफसोस है कि बढ़ती सामप्रदायिकता का विरोध उम्मीद से कम है। इससे भी ज्यादा दुखद है कि सांप्रदायिकता का वायरस पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों और मीडिया केे एक वर्ग में फैल गया है ।
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भारत जैसे देश के लिए बहुत खतरनाक है। यह विकास और समृद्धि की राह में एक गंभीर बाधा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।
शांति और मानवता अभियान का उद्देश्य
समय की मांग है की इस बड़े सामाजिक दरार को पाटने के लिए उचित कदम उठाया जाये और आपसी विश्वास और सहयोग का माहौल तैयार किया जाये। हमारे राजनीतिक या वैचारिक झुकाव चाहे जिधर भी हों पर हमें व्यापक और सामाजिक स्तर पर साम्प्रदायिकता के खिलाफ काम करने के लिए एक साथ और एकजुट होने की जरूरत है।
इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जमात-ए-इस्लामी हिंद ने सभी देशवासियों को शांति और मानवता का संदेश देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
यह पारंपरिक जागरूकता अभियान मात्र नहीं है बल्कि इसका लक्ष्य समाज में प्रत्यक्ष परिवर्तन लाना है।
हमारा प्रयास है कि वार्ड/मोहल्ला/कॉलोनी स्तर पर लोगों से संपर्क करें और उन्हें इस उद्देश्य से आवगत करायें।
आपसी मेलजोल एवं हर वर्ग के लोगों के साथ मिल-बैठ कर गलतफहमी को दूर करने और एक.दूसरे के बारे में फैले वहम को समाप्त करने समेत एक साझा मंच पर लाने के लिए मार्ग प्रशस्त करें। हमारा उद्देश्य देश की अंतरात्मा को जगाना है।
हम चाहते हैं कि संवैधानिक संस्थाओं और मौलिक अधिकारो की रक्षा हो और सभी लोग मिलकर स्थानीय स्तर पर इसके लिए प्रयास करें। देश और समाज की सोच में बदलाव जरूरी है और हम चाहते हैं कि सभी वर्ग नफरत की राजनीति के खिलाफ एकजुट हों और देश के लिए बढ़ते सांप्रदायिकता के खतरे के प्रति जागरूक हों ।
कार्यक्रम का विवरण
शुक्रवार 19 अगस्त 03:00 बजे अपराहन् नई दिल्ली प्रेस कॉन्फ्रेन्स,
मीडिया के लिए अभियान का परिचय,
स्थानः प्रेस क्लब ऑफ इण्डिया
शनिवार 20 अगस्त 10:30 बजे सुबह नई दिल्ली
दोपहर के खाने की व्यवस्था
उन लोगों को सम्मानित किया जायेगा जिन्होंने देश में सांप्रदयिक सौहार्द की दिशा में योगदान दिया है।
जिन्हें पुरस्कृत किया जायेगा। राम पुनियानी, हर्ष मन्दर, संदीप पाण्डेय, जस्टिस राजेन्द्र सच्चर (रिटायर्ड0) एवं कविता श्रीवास्तव
स्थानः इण्डिया इस्लामिक कल्चरल सेन्टर
शनिवार 03 सितम्बर 03:00 बजे अपराहन् नई दिल्ली मीडिया संगोष्ठी
सामाजिक ताने-बाने को बनाये रखने में मीडिया की भूमिका
स्थानः कॉन्सटीट्युशन क्लब ऑफ इण्डिया


