जम्मू में फोर्टिस ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बारे में जागरूकता बढ़ाई
जम्मू में फोर्टिस ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बारे में जागरूकता बढ़ाई
- गुड़गांव स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल ने जम्मू में मिनिमल एक्सेस, बैरिएट्रिक और जीआई सर्जरी की ओपीडी का आयोजन किया।
- डॉक्टर अजय कुमार कृपलानी जम्मू में लगभग दो दशकों से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करते आ रहे हैं।
जम्मू, 27 सितंबर 2019. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव त्रिवेणी नर्सिंग होम के सहयोग से जम्मू में वजन घटाने, गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल, पैनक्रियाज, कोलोन कैंसर, पित्त और रिफलक्स के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic surgery for gastrointestinal, pancreas, colon cancer, bile and reflux) के लिए एक विशेष ओपीडी चलाता है। यह ओपीडी जम्मू के त्रिवेणी नर्सिंग होम (OPD in Triveni Nursing Home, Jammu) में हर महीने दो दिनों के लिए चालू रहती है, जिसका प्रबंधन फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव के मिनिमल एक्सेस, बैरियाट्रिक और जी आई सर्जरी निदेशक, डॉक्टर अजय कुमार कृपलानी करते हैं।
Information about laparoscopic surgery in Hindi
एक विज्ञप्ति में बैरियाट्रिक और जी आई सर्जरी निदेशक, डॉक्टर अजय कुमार कृपलानी ने बताया कि,
“मैंने जम्मू में 2 दशक पहले पित्ताशय की पथरी को हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक या न्यूनतम एक्सेस सर्जरी करना शुरू किया था और अब यह तकनीक पहले से भी बेहतर हो गई है क्योंकि इसमें रोगी को कम दर्द होता है, कम से कम निशान पड़ते हैं और सामान्य जीवन की गतिविधियों को जल्दी ही शुरू कर सकते हैं। तकनीक और टेक्नोलॉजी में जबरदस्त प्रगति के साथ लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से अब पेट की कई समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। मुझे खुशी है कि जम्मू के निवासी इस तकनीक का लाभ उठा पा रहे हैं। जम्मू में मैंने पिछले 2 दशकों में 3000 से अधिक रोगियों के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की है। हालांकि, इसके लिए विशेष उपकरणों, कौशल और ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है लेकिन इसके परिणाम अत्यधिक संतोषजनक होते हैं।”
एक चीरा लगाकर की जाने वाली यह सर्जरी कम दर्द, कम निशान और बहुत ही कम समय में रिकवरी वाली एक एडवांस तकनीक है। हालांकि, पित्ताशय की पारंपरिक सर्जरी के लिए पेट में 4 चीरे लगाने पड़ते हैं जबकि नई तकनीक के साथ इस सर्जरी में केवल एक छोटे से चीरे से ही काम बन जाता है। पित्ताशय के लिए पारंपरिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में मेटल चिप का उपयोग किया जाता है, जो पेट के अंदर ही रहती है और सीटी स्कैन या एमआरआई के दौरान समस्या पैदा करती है। एक चीरे वाली तकनीक में किसी प्रकार की मेटल चिप का उपयोग नहीं किया जाता है।
Expert in weight loss laparoscopic surgery
डॉक्टर अजय कुमार कृपलानी ने आगे बताया कि,
“हम वजन घटाने की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के विशेषज्ञ हैं और इस सर्जरी के लिए एक सख्त प्रोटोकॉल फॉलो करते हैं, जिससे अच्छे परिणाम के साथ मरीज की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। वजन घटाने की सर्जरी में लगभग 15 साल के अनुभव के साथ हमने 240 किलो के मरीज का भी ऑपरेशन किया है।”
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