जय जय जगन , रहो आंध्र में मगन
जय जय जगन , रहो आंध्र में मगन
हमारी आंध्र प्रदेश के बहादुर युवा – हमें पता कि वह पैंतीस के पार हैं , फिर भी युवा और बहादुर कहना एक परंपरा है । आंध्र प्रदेशीय जगन 37 के हैं , पर युवा हैं । जैसे राहुल गांधी की न जाने क्या उम्र है पर चिर युवा ही हैं । न जाने कब तक हमारे प्रिय नेताओं में एक चंद्रशेखर जी भी युवा तुर्क कहलाते थे । तब वह पचास के पार जाने जाते थे । यह भी माना जाता है कि बड़े बुजुर्गों की नजर में साठे के पार भी बच्चे ही कहलाते हैं । बच्चे बड़े बुजुर्गों को आदर से चाचा कहते हैं । वाय एस विवेकानंद रेड्डी उनके चाचा हैं । कांग्रेस पार्टी ने चाचा – भतीजा को अलग करना चाहा । यह भतीजा को नहीं भाया । उसने कांग्रेस को ठुकराया कांग्रेस को कोई कभी भी , कहीं भी ठुकरा सकता है । बिहार के वोटरोँ ने भी तो ठुकराया । कांग्रेस को कोई शिकायत नहीं । पर जगन ने तो अपने साक्षी टीवी चैनल के जरिए कांग्रेस की माता सोनियाम्मा को ठुकराया । सोनियाम्मा के मामले में कांग्रेस जावेद अख्तर हो जाती है । जावेद अख्तर राज्य सभा में पाए जाते हैं । दरअसल कांग्रेस का महामंत्र सबसे पहले जावेद अख्तर ने ही लिखा था , बोला था फिल्म दीवार में शशिकपूर ने अमिताभ बच्चन की मनमोहन सिंह से भी बड़ी मनमोहक बातों के जवाब में , मेरे पास मां है !
मां की ताकत तो कोई अमिताभ से जाने । जहां मां होती है ,वह हीरो हो जाते हैं । साल भर पुरानी बात है उनके पा में भी मां है । तभी तो अमिताभ बच्चन ने सोनियाम्मा को मां नहीं माना था । बिना जावेद अख्तर की मदद के संवाद बोला था , वो राजा ,हम रंक । पर कहां मानते हैं इसे जगनमोहन रेड्डी । बना दिया है उनको सोनियाम्माने रंक । जबकि नहीं हैं जगन रंक । अपने पा वाय एस राजशेखर रेड्डी की कृपा से वह भी थे आंध्र प्रदेश के शून्य से भी बड़ा अंक ।
आंध्र प्रदेश के बल पर ही तो है दिल्ली में सोनियाम्मा का राज । पिता की मृत्यु के बाद पूछा तक नहीं दिल्लीवालों ने जगन को । अकेले अकेले ही आंध्र में अलख जगाता रहा । यह बेचारा तो तेलुगु फिल्मों का तारा – सितारा भी नहीं । क्या करता बालक बेचारा । हनुमान तो था नहीं कि सूर्य को निगलने की कोशिश करता । इसके पास ब्रह्मास्त्र था – साक्षी टीवी चैनल । चला दिया अपना सैटेलाइट राष्ट्रमाता के ऊपर । नतीजा सामने है । लोकसभा से बाहर है । अपनी मां को आध्र विधान सभा से भी बाहर कर दिया । युवा है इसलिए एक नई दुकान भी खोल ली । दुकान में पूरा में पूरा परिवार है । मां है , चाचा हैं दुकान का नाम भी युवा है – युवा श्रमिक रैयत । और क्या चाहिए ।
चलो जगन मोहन , आंध्र प्रदेश में रहो मगन । बहुत सहारा दिया आंध्र ने केंद्र सरकार को । कभी वहां एक और युवा नेता होते थे । 1996 से 2004 तक केंद्र सरकार चला चुके हैं । कभी चंद्रबाबू नायडु कहलाते थे । आज कल कहां पाये जाते हैं । हमेशा सीखो एक बात , एक नहीं दो बात कि कौन सा संवाद बड़ा है – मेरे पास मां है या वो राजा नहीं रंक हैं ।
अकसर जगन रहते हैं इतना मगन कि एक से दस के बीच हो जाते हैं शून्य का अंक


