जर्मन बेकर्री धमाका — अदालत ने पांच बार फांसी और छह बार उमर कैद का फैसला सुना दिया

13 फरवरी 2010 में पुणे एक बड़े बम धमाके का निशाना बना था। यह धमाका कोरेगांव पार्क स्थित जर्मन बेकर्री नामक रेस्टोरेंट में हुआ था। इस घातना में 17 लोग मारे गए और 58 लोग घायल हुए थे। जानकी की जिम्मेदारी पुलिस से एटीएस को हस्तांतरित कर दी गई। एटीएस ने 7, सितंबर को पुणे रेलवे स्टेशन से हिमायत बेग को गिरफ्तार दिखाया। यूएपीए कानून के तहत हिमायत बेग को एक महीना की पुलिस रिमांड पर एटीएस को दे दिया गया। एटीएस ने 4 दिसंबर 2010 को हिमायत बेग के खिलाफ पुणे सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। हिमायत बेग के अनुसार उसकी गिरफ़्तारी 18 अगस्त 2010 को उदगीर से हुई और उसके 20 दिन तक गैरिकानूनी हिरासत में टॉर्चर किया गया।

दूसरी तरफ 21 नवंबर को स्पेशल सेल दिल्ली ने कतील सिद्धिकी को आनंद विहार बस स्टेशन से गिरफ्तार किया। उसके पास से स्पेशल नोट और विस्फोटक सामग्रियों के साथ एफआईआर नंबर 54/2011 के तहत गिरफ़्तारी किया गया। कतील सिद्धिकी के अनुसार उसका तीन दिन पहले 19 नवंबर 2011 पहाड़गंज से अपहरण किया गया था जब वह अपनी पत्नी और बच्ची को डाक्टर के पास ले जा रहा था। हिरासत के दौरान एफआईआर नंबर 65/2010 जहां मस्जिद फायरिंग और एफआईआर नंबर 66/2010 जहां मस्जिद का कार...