जलवायु : पेरिस समझौते पर पूरी दुनिया को ट्रंप का झटका, भारत को बताया जिम्मेदार,
जलवायु : पेरिस समझौते पर पूरी दुनिया को ट्रंप का झटका, भारत को बताया जिम्मेदार,

paris climate agreement : shock of trump to the whole world, told India responsible
2015 में किए गए ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते पर अमेरिका ने अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से खुदको अलग करने का ऐलान किया है।
ट्रंप सत्ता संभालने के बाद पहले भी कई बार कह चुके थे कि ये समझौता अमेरिका के हितों के लिए नहीं है। जबकि दूसरे देश इस समझौते का बखूबी फायदा उठा रहे है।
जलवायु करार टूटने का सारा ठीकरा ट्रंप ने भारत और चीन पर फोड़ा है।
ट्रंप ने कहा कि इस समझौते में भारत और चीन के लिए सख्त प्रावधान नहीं किए गए हैं, जबकि ये दोनों देश प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।
भारत को अपना अच्छा दोस्त बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने समझौता टूटने के लिए भारत को ही दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों से अरबों डॉलर पाने के लिए भारत पेरिस जलवायु समझौते में शामिल हुआ है। यह समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत और चीन अपने कोयला उत्पादन के स्तर को दोगुना करेंगे। इस समझौते को अमेरिका के लिए अनुचित बताते हुए ट्रंप ने कहा कि वो इसमें दोबारा तभी शामिल होंगे जब पेरिस समझौते में अमेरिकी हितों के लिए एक उचित समझौता होगा।
ओबामा प्रशासन के दौरान शुरू हुए इस करार के टूटने पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप की निंदा की है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका समझौते का पालन न कर भावी पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। फ्रांस, जर्मनी और इटली ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पेरिस जलवायु समझौते पर दोबारा चर्चा नहीं हो सकती।
भारत में अमेरिकी राजदूत रहे भारतवंशी रिचर्ड वर्मा ने ट्वीट कर ट्रंप के फैसले को बेहद खराब और कमजोर बताया.आपको बता दें कि। 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहल पर करीब 195 देशों के बीच जलवायु समझौता हुआ था। इस समझौते का मकसद कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है। यह समझौता जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने और वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 2 डिग्री सेल्सियस के भीतर सीमित रखने से जुड़ा है।


