नई दिल्ली, 04 अप्रैल। सामाजिक-राजनीतिक व न्यायिक मसलों पर सक्रिय रहने वाले सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अटलांटा में भारत-पाक-बांग्लादेश पुनर्एकीकरण का बीज बोया है।

जस्टिस मार्कण्डेय काटजू आजकल अमरीका प्रवास पर हैं। बीती 2 अप्रैल को अटलांटा में भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश पुनर्निर्माण एसोसिएशन की यूनिट बनाते हुए जस्टिस काटजू ने भारत-पाकिस्तान व बांग्लादेश के प्रवासी नागरिकों की एक बैठक को संबोधित किया।

Nazeera Dawood, Senior Policy Advisor at the Chairman's Office of the Fulton County Board of Commissionersएक ई-संदेश में जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने कहा कि अटलांटा में भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश पुनर्निर्माण का जो बीज उन्होंने रोपित किया है, उसको जल और पोषित किया जाना चाहिए ताकि अगले 10 वर्षों में या तो एक शक्तिशाली वृक्ष बन जाए और हमारे पूरे उपमहाद्वीप के लिए फल पैदा करना शुरू कर दें।

उन्होंने कहा कि हम (भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश) एक देश हैं, और बहुत समय के लिए हमें बेवकूफ़ बना दिया गया है कि हम अलग-अलग देश हैं।

उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ मेडिसीन अटलांटा के ओटोलरींगोलॉजी विभाग में फैकल्टी शोएब अहमद, तमिलनाडु के डिंडिगुल (Dindigul, Tamil Nadu) निवासी व साउथ एशियन पब्लिक हैल्थ एसोसिएशन {South Asian Public Health Association (SAPHA)} की अध्यक्षा नज़ीरा दाउद व theinnerview.org के द इनरवयू विद चिलुवेरू के संस्थापक व निदेशक विजू चिलुवेरू इस अभियान में जस्टिस मार्कण्डेय काटजू के सहयोगी हैं।

(इनपुट - जस्टिस काटजू के ई-संदेश से)

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