जो गोदी मीडिया वर्धा को गुजरात में दिखा रहा था, उसे राहुल गाँधी का बर्तन धोना नौटंकी ही लगेगा

कौशल यादव

कल काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी बापू कुटी सेवाग्राम आए थे और उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और काँग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, गुलाम नबी आजाद व अन्य नेता भी बापू के 150 वें जन्मदिन पर आए थे। वहाँ खाना खाने के स्थल के सामने पानी की टंकी लगीं हैं एक क्रम में। जहाँ उसके ठीक सामने बर्तन धुलकर रखने की जगह भी है। बर्तन धोकर आपको सामने रखी टोकरियों में रखने होते हैं। जिसके उपरांत जिसको भी भोजन करना हो वो वहाँ से लेकर पुनः खाना खाने जा सकता है। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत अन्य नेताओं ने भी ऐसा ही किया।

दोस्तों अगर आप भी गाँधी जी के सेवाग्राम आश्रम में जायेंगें और वहाँ अगर आप खाना खायेंगें तो आपको अपने बर्तन ख़ुद ही धोने होंगे।

गाँधी जी ख़ुद ये बात कहते थे कि आप अगर अपनी जरूरत के कामों को ख़ुद करेंगें तो उस काम को करने के लिये किसी अन्य की आवश्यकता नहीं होगी। जैसा कि वे अपने आश्रम में खाना खाने वाले कार्यकर्ताओं से भी कहते थे कि आप अपने बर्तन खुद धोएं जिससे कि स्वच्छता में सहयोग कर सकें।

राहुल गांधी ने भी कोई अलग या दूसरा काम नहीं किया, बल्कि उसी साधारण व्यवस्था को ही मानते हुए बर्तन धोकर रख दिये।

एबीपी (abp) न्यूज चैनल समेत अन्य चैनल न्यूज रूम में बैठकर मन गढ़न्त खबरें गढ़ रहे हैं।

अभी आप को एक वीडियो देखने को मिलेगा जिसमें एक महिला पत्रकार यह बताते हुए दिखेंगीं कि अब बर्तन धोकर चुनाव जीतेंगे राहुल गांधी

दोस्तों ये वही एबीपी चैनल है जो कल वर्धा को गुजरात में दिखा रहा था। खबर दिखाने की जल्दबाजी और उसी क्रम में गलत खबरें दिखाने की होड़ तो है ही बल्कि साम्प्रदायिकता को चुनौती देने वाली पहलों को एक खास किस्म का रंग देने की कोशिश गोदी मीडिया लगातार करता रहता है।

2014 के चुनाव की रैलियों का अध्ययन करेंगे तो आप पायेंगे कि हर गुरुद्वारे में जाकर लंगर बेलना और रोटी सेंकना, बर्तन धोने वाली नौटंकी करना भारतीय मीडिया द्वारा नरेंद्र मोदी की आस्था बताया गया और राहुल गाँधी का यह चुनाव जीतने का तरीका बताया जा रहा।

आप इस साजिश को भी समझिये कि जब मीडिया घरानों को कोई खबर दबाने का मन होता है तो अन्य नेताओं का डीएनए टेस्ट, वायरल सच, जैसे तमाम बिना जानकारी के कार्यक्रम दिखाना और 24 घंटे का खबरी चैनल बनने की होड़ शुरू कर दी जाती है।

पिछले दिनों बापू आश्रम में तीन दिन की राष्ट्रीय मीडिया संगोष्ठी का हिस्सा होने दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों के पत्रकार भी आए थे जिसमें देश भर के टीवी चैनलों में काम करने वाले पत्रकार भी थे। वरिष्ठ पत्रकार और किसान कार्यकर्ता पी.साईनाथ भी आए थे। मैंने सभी को वहाँ पर बर्तन धोते हुए देखा था और खुद भी खाना खाकर बर्तन धोए थे।

किसी भी कार्यक्रम की पूरी जानकारी न होने के अभाव में लिखी गईं खबरें कितनी सही होती हैं आप खुद ही देख लीजिए। पत्रकार ने एक वीडियो बनाकर भेज दिया और टीवी चैनलों के मालिकों के इशारे पर खबरें बनाने का इतिहास समझना हो तो आप कासगंज में एबीपी न्यूज़ चैनल की रिपोर्टिंग को देखिए, जिसमें आपको रिपोर्टर कुछ और बताते हुए दिखेगा तो एंकर कुछ और।

(कौशल यादव, महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में छात्र हैं।)

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