नई दिल्ली, 30 सितंबर 2019. देश की दो प्रसिद्ध कानूनी हस्तियां सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के एक फैसले को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आमने – सामने आ गईं।

दरअसल सर्वोच्च न्यायालय के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर CJI asks CBI to take action on misconduct charges against Justice VK Tahilramani (CJI ने CBI से जस्टिस वीके ताहिलरामनी के खिलाफ लगे कदाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने को कहा) का लिंक शेयर करते हुए ट्विटर (Prashant Bhushan twitter) पर लिखा

“सच में हैरान करने वाला! सीजेआई, आईबी की एक राजनीतिक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई से एक मुख्य न्यायाधीश की जाँच करने के लिए कहता है! जबकि वह अन्य न्यायाधीशों के खिलाफ पूर्ण दस्तावेजी साक्ष्य के साथ अनुपातहीन संपत्ति की गंभीर शिकायतों पर चुपचाप बैठता है!”

खबर के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट पर मद्रास उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीके ताहिलरमानी की चेन्नई में दो फ्लैट्स की खरीद में कथित अनियमितताओं मूर्ति चोरी के मामलों से प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता का केस देख रही उच्च न्यायालय की विशेष पीठ को भंग करने एवं तमिलनाडु के एक मंत्री के साथ उनके कथित करीबी संबंधों को, लेकर सीबीआई को "कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई" करने के लिए कहा है।

प्रशांत भूषण के ट्वीट का उत्तर देते हुए सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने लिखा,

“जांच दोषसिद्धि नहीं है। इसमें आप को क्या आपत्ति हो सकती है? मैंने अक्सर कोर्ट में कहा है कि मुझे जांच किए में कोई दिक्कत नहीं है।“

एक अन्य उत्तर में जस्टिस काटजू ने लिखा,

“केवल उन लोगों को, जिनके पास कुछ छिपाने के लिए है, अपनी जाँच किए जाने पर आपत्ति है।“

Justices Katju and Prashant Bhushan came face to face on Twitter