लखनऊ , 7 अक्तूबर। एक घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी के कैराना से विधायक नाहिद हसन ( Samajwadi Party MLA from Kairana Naheed Hassan ) के घर के बाहर ढोल (Dhol) बजवाकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाउडस्पीकर पर कैरानावासियों को बताया कि विधायक फरार हैं (Legislator is absconding) और किसी को भी उनके बारे में कोई जानकारी मिलती है तो वे पुलिस को सूचित करें।

नाहिद हसन के खिलाफ कठोर धाराओं के तहत 12 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा कोर्ट ने चार मामलों पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया है।

पुलिसकर्मियों द्वारा रविवार को किए गए इस तरीके की घोषणा को आधिकारिक भाषा में 'मुनादी' कहा जाता है। यह दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 का एक हिस्सा है। किसी आरोपी के खिलाफ वारंट निष्पादित नहीं कर पाने की स्थिति में इसका प्रयोग किया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस का कहना है कि विधायक कैराना से फरार हैं, और वह अपने खिलाफ जारी किए गए गैर-जमानती वारंट के बाद गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

मुनादी के अलावा विधायक के घर के दीवारों पर भी घोषणा पत्र चिपकाया गया है।

शामली के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने कहा कि पुलिस सिर्फ निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर रही हैं। विधायक द्वारा सहयोग न किए जाने के कारण ऐसा किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले महीने कैराना के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अमित पाल शर्मा के साथ ट्रैफिक उल्लंघन के एक मामले में विवाद होने के बाद विधायक की मुसीबत और बढ़ गई है।

दरअसल एसडीएम का ध्यान विधायक की एक कार पर गया था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर (पीजेपी 32) था, जो काफी अजीब था। इसके बाद अधिकारी ने विधायक से कार की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कहा था, लेकिन कथित तौर पर विधायक ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की।

इसके बाद पुलिस ने विधायक के खिलाफ दर्ज सभी पुराने मामलों को फिर से खोल दिया। इनमें से एक मामला इसी साल जुलाई का है, जो हसन द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो से जुड़ा है। वीडियो में वह लोगों से शहर में चल रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों के दुकानों का बहिष्कार करने के लिए कहते नजर आ रहे हैं।

जिला प्रशासन ने उनके इस बयान को 'द्वेषपूर्ण' बताते हुए विधायक पर प्राथमिकी दर्ज कराई और उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई।