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अधिक वजन ब्लड कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसेराइड लेवल भी बढ़ाता है
''अच्छे" एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम और ब्लड प्रेशर बढ़ाता है अधिक वजन
डॉ. एस के मुंद्रा
डॉक्टरों का कहना है कि अधिक वजन की महामारी को कम करने से भारत में लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के बढ़ते मामलों का खतरा कम हो सकता है। जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज या युवाओं में डायबिटीज का पता चला है, उनमें से लगभग 80 प्रतिशत लोग ओवरवेट हैं। इसी तरह कार्डियोवैस्क्यूलर रोग से पीड़ित ज्यादातर लोगों का वजन बहुत ज्यादा पाया गया है।
हृदय रोग, डायबिटीज और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाने के अलावा अनिद्रा, गॉल ब्लाडर स्टोन और कम उम्र में ऑस्टियोअर्थराइटिस जैसी बीमारियों का एक बड़ा कारण मोटापा ही है।
कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा भी ओवरवेट पीड़ितों में अधिक पाया गया है।
अधिक वजन ब्लड कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसेराइड लेवल भी बढ़ाता है, ''अच्छे" एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।
कुल मिलाकर यदि हम अपने स्वस्थ शरीर का वजन संतुलित रखते हैं तो हम कई सारी घातक बीमारियों का खतरा आश्चर्यजनक रूप से कम कर सकते हैं और स्वस्थ, दीर्घायु और अधिक उत्पादनशील जिंदगी जी सकते हैं। भारत के लोग अब विकसित देशों की जिंदगी का अनुसरण करने लगे हैं और इस वजह से ओवरवेट या मोटापा जैसे लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से पीडि़त होने लगे हैं।
ओबेसिटी फाउंडेशन ऑफ  इंडिया के मुताबिक, तीन करोड़ भारतीय मोटापे से पीड़ित हैं और अगले कुछ वर्षों में यह संख्या दोगुनी हो जाने का अनुमान है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक, मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या के मामले में भारत का स्थान एशिया में चीन के बाद दूसरा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार सर्वेक्षण में पंजाब, केरल और गोवा को शीर्ष तीन ऐसे राज्यों में शुमार किया गया है जहां मोटापे से पीड़ित सबसे ज्यादा भारतीय हैं। पंजाब

में 30 प्रतिशत, केरल में 24 प्रतिशत और गोवा में 21 प्रतिशत आबादी ओवरवेट के दायरे में आती है।
मोटापे का सीधा ताल्लुक आपकी समृद्धि से है, आप जैसे-जैसे विकसित होंगे, आपने अधिक वजन का खतरा भी अधिक रहेगा।
एक तरफ  तो गरीब भारतीयों की बड़ी तादाद दो जून के भोजन के लिए तरस रहे हैं और कुपोषण के शिकार हो रहे हैं, लेकिन शहरों की समृद्ध आबादी लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से पीड़ित हो रही है, ये दोनों एक बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं बनती जा रही हैं।
भारत के शहरी और अधिक समृद्ध लोग बड़ी तेजी से लाइफस्टाइल डिसऑर्डर की चपेट में आ रहे हैं। अधिक कैलोरी, कम फाइबर और अधिक नमकयुक्त पैकेज्ड जंक फूड की आसान उपलब्धता के साथ-साथ लगातार निष्क्रिय लाइफस्टाइल और आभासी दुनिया में जीने की चाहत ने लोगों को मोटापे के खतरे में डाल दिया है और शहरी युवा आपदाग्रस्त स्थिति में पड़ गए हैं।  कम दूरी तय करने के लिए भी लोग वाहनों का ही इस्तेमाल करते हैं, दो मंजिल चढऩे के लिए एलिवेटर्स इस्तेमाल करते हैं और बच्चे बाहर मैदान में दौडऩे-खेलने के बजाय घर में वीडियो गेम्स खेलना पसंद करने लगे हैं। ये सभी स्थितियां लोगों को बड़ी तेजी से मोटापे की चपेट में ले रही हैं और इसके परिणामस्वरूप डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, ऑस्टियोअर्थराइटिस आदि जैसे डिसऑर्डर में बढ़ोतरी हो रही है। यदि आपका बीएमआई 20 से 29.9 के बीच है तो आपको ओवरवेट माना जाएगा। बीएमआई 30 से अधिक होने का मतलब है कि आप मोटापे से पीडि़त हैं।
(एचओडी एवं सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, सरोज सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, नई दिल्ली)
देशबन्धु

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