तो पं. नेहरू से ली है "मन की बात"
तो पं. नेहरू से ली है "मन की बात"

नई दिल्ली। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की अदाएं निराली हैं। आधुनिक भारत के निर्माता और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से मोदी और उनके संघ परिजनों की अदावत जगजाहिर है, लेकिन उनकी समस्या यह है कि पं. नेहरू के विशाल व्यक्तित्व के आगे पूरा संघ परिवार बहुत बौना साबित होता है। इसीलिए संघ परिजन जहां पं. नेहरू के खिलाफ लगातार विष वमन करते रहते हैं वहीं हमारे पीएम मोदी के ऊपर नेहरू बनने का भूत सवार है। मोदी लगातार कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं कि लोग उन्हें नेहरू मान लें।
अब ताजा खुलासा हुआ है कि आकाशवाणी पर जो मन की बात हो रही है दर असल वह पं. नेहरू का आइडिया था ।
पिछले दिनों एक समाचार एजेंसी के हवाले से एक अंग्रेजी पोर्टल ने पेंग्विन बुक्स से माधव खोसला द्वारा संपादित एक पुस्तक का हवाला देकर एक आलेख प्रकाशित किया था। समाचार एजेंसी IANS के संपादक एम. आर. नारायणस्वामी के इस लेख में बताया गया था जब मोदी ने रेडियो पर मन की बात नाम से राष्ट्र के नाम संदेश देने का फैसला लिया तो उस कार्यक्रम की अवधारणा पं. नेहरू से ली गई थी।
अपने 17 वर्ष के कार्यकाल के दौरान पं नेहरू ने लगातार यह संबोधन किया और वह देश के मुख्यमंत्रियों को हर माह की पहली और पंद्रह तारीख को खत लिखा करते थे। अंतिम बार उनका संवाद 21 दिसंबर 1963 को हुआ था।
पं नेहरू ने राष्ट्र निर्माण के कार्य में भावुक होते हुए अनंत धैर्य की आशा व्यक्त की थी। पं. नेहरू ने सांप्रदायिक हिंसा, शरणार्थी संकट, अल्पसंख्यकों, भ्रष्टाचार, वामपंथी और दक्षिणपंथी उग्रवाद, आर्थिक नियोजन, घरेलू समस्याओं व विश्व के साथ भारत के संबंधों पर लिखा। सो पिछले 60 सालों के शासन को कोसने वाले हमारे प्रधानमंत्री ने कांग्रेसी प्रधानमंत्री के आइडिया को अपना लिया और 60 साल के लिए शर्मंन्दगी ओढ़ ली! कितने गजब की है ये मन की बात!!!
Letters for a Nation: From Jawaharlal Nehru to His Chief Ministers (1947-1963); Author: Edited by Madhav Khosla; Publisher: Allen Lane/Penguin Books; Pages: 334; Price: Rs.599


