गुजरात के दलितों को झाँसी पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की निंदा- दारापुरी

लखनऊ 2 जुलाई, 2017 : एक तरफ सत्तारूढ़ दल दलित राष्ट्रपति बनाए जाने की स्तुतिगान करते नहीं थक रहा दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य गुजरात के दलित योगीराज उत्तर प्रदेश में महज इसलिए गिरफ्तार किए जा रहे हैं क्योंकि वे “सहारनपुर/कुशीनगर हो या ऊना – जातिवाद से नहीं समझौता” कर रहे।

पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने एक बयान में जानकारी दी है कि कल दिनांक 3 जुलाई को 2 बजे से उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब, लखनऊ में “सहारनपुर/कुशीनगर हो या ऊना – जातिवाद से नहीं समझौता” विषय पर मीडिया संवाद का आयोजन किया गया है, जिसमें भाग लेने के लिए गुजरात से 45 लोग साबरमती एक्सप्रेस गाड़ी द्वारा लखनऊ आ रहे थे, जिन्हें आज झाँसी में ट्रेन से उतार कर पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कृत्य दलित दमन का प्रतीक है और दलितों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुला हनन है।

श्री दारापुरी ने कहा कि गुजरात के उपरोक्त दलित सहारनपुर के दलितों पर पिछले माह हुए बर्बर अत्याचार को लेकर अपनी हमदर्दी तथा एकजुटता जिताने के लिए आ रहे थे। वे अपने साथ 125 किलोग्राम ग्राम का एक साबुन उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री जी को भेंट करने के लिए ला रहे थे क्योंकि कुछ दिन पहले जब योगी जी कुशीनगर गए थे तो वहां पर प्रशासन द्वारा मुसाहर बस्ती में साबुन बांटा गया था जिस के विरोध में गुजरात के दलित उपरोक्त साबुन ला रहे थे।

अतः उत्तर प्रदेश के सभी दलित संगठन पुलिस द्वारा गुजरात के दलितों को हिरासत में लेने तथा उन्हें लखनऊ में उपरोक्त कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने की कार्रवाही कि निंदा करते हैं।