बालोद (छग)। बालोद जिले के दल्ली-राजहरा में एक चर्च पर आरएसएस-भाजपा संगठनों द्वारा किये गए हमले, पास्टर साहिर महिलाओं को अर्धनग्न कर पीटने, पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न किये जाने और आरोपियों के साथ प्रशासन की सांठगांठ के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए विभिन्न पार्टियों तथा नागरिक संगठनों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने आज बालोद के डिप्टी कलेक्टर जी एस नाग को ज्ञापन सौंपा तथा हमलावर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही न किये जाने पर आंदोलन संगठित करने की चेतावनी दी।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव संजय पराते, आप नेता प्रियंका शुक्ल, सीटू नेता डीवीएस रेड्डी, छत्तीसगढ़ क्रिस्चियन फेलोशिप के प्रसाद राव, जनमुक्ति मोर्चा के बसंत रावटे, छमुमो के गणेशराम चौधरी तथा सीवायएसएस के विजयशंकर पात्रे कर रहे थे. प्रतिनिधिमंडल के साथ पास्टर जैकब जोसेफ और पीड़ित महिलाएं भी थी.

ज्ञापन में 29 जनवरी को राजहरा के न्यू इंडिया चर्च ऑफ़ गॉड पर विहिप-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए हमलों का ब्यौरा देते हुए बताया गया है कि किस प्रकार पुलिस प्रशासन एफआईआर दर्ज करने के बजाये हमलावर आरोपियों के साथ खड़ी है. ज्ञापन में इसका भी जिक्र किया गया है कि किस प्रकार भाजपा सरकार व प्रशासन द्वारा गठित महिला कमांडो का उपयोग सांप्रदायिक हमलों के लिए किया जा रहा है. इन संगठनों ने प्रशासन द्वारा चर्च में प्रार्थना किये जाने पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए हमलावर आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा विभिन्न धर्मों के नागरिकों के अधिकार सुनिश्चित करने की भी मांग की है.

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने आरोप लगाया है कि एक ओर तो प्रशासन संघी गिरोह को हिन्दुत्व के नाम पर नैतिक दरोगागिरी करने और नफ़रत फैलाने की इजाजत दे रहा है, वही दूसरी ओर शांति, सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता की पक्षधर ताकतों को कुचलने के लिए डराने-धमकाने का काम कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि लाठी-डंडो के बल पर जनवादी ताकतों के को कुचलने की प्रशासन की साजिश के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा और 28 फरवरी को सभी संगठन एक विरोध रैली आयोजित करने जा रहे है, जिसमें माकपा भी पुरजोर हिस्सेदारी करेगी.