दाऊद इब्राहिम प्रकरण - झूठों के सरदार और उनकी पार्टी
दाऊद इब्राहिम प्रकरण - झूठों के सरदार और उनकी पार्टी
दाऊद इब्राहिम प्रकरण - झूठों के सरदार और उनकी पार्टी
रणधीर सिंह सुमन
संसदीय चुनाव के समय वर्तमान शासक दल ने अपने चुनावी पोस्टरों में हांगकांग की सड़कों से लेकर शिबली नोमानी कॉलेज के छाया चित्रों को इन्टरनेट से उठाकर इस्तेमाल किया था.
चुनाव के समय ही इनके झूठ खुलने शुरू हो गए थे. गुजरात मॉडल का नारा इनके झूठ की पराकाष्ठा थी.
गोविल्स का झूठ चल निकला और केंद्र में वह सत्तारूढ़ हो गए.
आज तक की स्थिति यह है कि सत्तारूढ़ दल के हिस्से में एक भी उपलब्धि नहीं आई है और नोटबंदी के बाद सियार के ऊपर से शेर की खाल भी उतर गयी है या यूँ कहिए विष्णु शर्मा की कहानी रंगा सियार जो पंचतंत्र में संकलित है का सियार हुवां-हुवां जब करने लगता है तब वन्यजीव जगत की आँखें खुल जाती हैं.
भारतीय अंधभक्तों की परंपरा में आज जब हुवां-हुवां हो रहा है तो भी आँखें नहीं खुल रही हैं.
अभी ताज़ा झूंठ का पर्दाफाश हुआ है, वह यह है कि भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है.
पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार की कोशिशों से भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल दाऊद इब्राहिम की यूनाइटेड अरब अमीरात स्थित 15,000 करोड़ की संपत्ति को ज़ब्त कर लिया गया है.
बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने बुधवार को एक ट्वीट कर इसे प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति का मास्टर स्ट्रोक क़रार दिया गया. वहीँ, भारतीय सीमा पर उसकी विफलता जग-जाहिर है, विदेश नीति पूरी तरह से असफल है और जिसके कारण सीमा पर हमारे जवान मारे जा रहे हैं और हम शहीद घोषित करने के अतिरिक्त कुछ कर नहीं पा रहे हैं.
दूसरी तरफ, दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है. इस तरह से झूठ पर झूठ बूल कर चेहरे पर चमक लाने कि कोशिश अब कामयाब नहीं होनी चाहिए, लेकिन अगर उसके बाद भी पांच राज्यों के चुनाव में रंगे सियार की हुवां-हुवां को जनता ने न सुना तो इससे बड़ा चमत्कार या आश्चर्यजनक चीज दुनिया में नहीं हो सकती है.
यह सरकार असफलताओं की सरकार है.


