दिलीप चौबे व रवीश कुमार गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित
दिलीप चौबे व रवीश कुमार गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित
राष्ट्रपति ने हिन्दी सेवी सम्मान प्रदान किये
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज हिन्दी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए वर्ष 2010 के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार वरिष्ठ पत्रकार दिलीप कुमार चौबे और रवीश कुमार को देकर सम्मानित किया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज (27 अगस्त 2014 ) को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में वर्ष 2010 और 2011 के लिए हिन्दी सेवी सम्मान प्रदान किए।
हिन्दी प्रचार-प्रसार एवं हिन्दी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए वर्ष 2010 के लिए गंगाशरण सिंह पुरस्कार आर. एफ. नीरलकट्टी, सुश्री पदमा सचदेव, जान्हू बरूआ और डॉ. एस.ए. सूर्यनारायण वर्मा जबकि वर्ष 2011 के लिए डॉ. एच. बालसुब्रह्ण्यम, प्रो. रॉबिन दास, प्रो. टी. आर. भट्ट और सिजगुरूमयुम कुलचंद्र शर्मा को दिया गया है।
हिन्दी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए वर्ष 2010 के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार रवीश कुमार और दिलीप कुमार चौबे जबकि वर्ष 2011 के लिए डॉ. शिवनारायण और प्रो. गोविन्द सिंह को दिया गया है।
वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य एवं उपकरण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए वर्ष 2010 का आत्माराम पुरस्कार डॉ. अनिल कुमार चतुर्वेदी और श्री काली शंकर जबकि वर्ष 2011 के लिए यह पुरस्कार महेश डी. कुलकर्णी और विजय कुमार मल्होत्रा को दिया गया है।
हिन्दी के विकास से संबंधित सर्जनात्मक/आलोचनात्मक क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार दिया जाता है। वर्ष 2010 के लिए इस पुरस्कार से प्रो. सुधीश पचौरी और डॉ. श्याम सुंदर दुबे को सम्मानित किया गया। जबकि वर्ष 2011 के लिए इस पुरस्कार से प्रो. दिलीप सिंह और प्रो. नित्यानंद तिवारी को नवाजा गया।
हिन्दी में खोज और अनुसंधान करने तथा यात्रा विवरण आदि के लिए दिए जाने वाले महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार से वर्ष 2010 के लिए डॉ. परमानंद पांचाल और प्रो. रघुवीर चौधरी को सम्मानित किया गया। जबकि वर्ष 2011 के लिए यह पुरस्कार प्रो. असगर वजाहत और श्री वेद राही को दिया गया।
विदेशी हिन्दी विद्वान को विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉ. जार्ज ग्रियर्सन पुरस्कार वर्ष 2010 के लिए प्रो. शमतोफ आजाद (उजबेकिस्तान) को दिया गया जबकि वर्ष 2011 के लिए इस पुरस्कार से प्रो. उ जो किम (दक्षिण कोरिया) को सम्मानित किया गया।
भारतीय मूल के विद्वान को विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार दिया जाता है। वर्ष 2010 के लिए यह पुरस्कार प्रो. मदनलाल मधु (रूस) और वर्ष 2011 के लिए श्री तेजेंदर शर्मा (यू. के) को दिया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव श्री अशोक ठाकुर और केंद्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रो. मोहन उपस्थित थे।


