कपास किसानों को पैसे दिलाए सरकार - अविनाश काकड़े, अध्यक्ष किसान मजदूर अधिकार अभियान।
-वर्धा जिले के सेलू मंडी में की गई किसानों के साथ धोखाधड़ी।
-किसानों के 8 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं।
-400 किसान आत्महत्या को मजबूर।
-किसान मजदूर अधिकार अभियान ने छेड़ा है देश भर में आंदोलन।
नई दिल्ली, 23 फरवरी। किसान मजदूर अधिकार अभियान के तत्वाधान में 23 फरवरी 2016 को नई दिल्ली स्थित झंडेवालन आरएसएस कार्यालय के पास धरना एवं प्रदर्शन किया जिसमें वर्धा से आए पीड़ित किसानों ने संघ और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
गौरतलब है कि यह घटना विदर्भ के वर्धा जिले की सेलू मंडी की है जहां पिछली फसलों के बर्बाद फसलों की मार झेल चुके किसानों के लिए सरकारी तंत्र और राजनैतिक संरक्षण के गठजोड़ ने एक बार फिर आत्महत्या करने के लिए पर्याप्त जमीन तैयार कर दी है।
कपास किसानों से व्यापारी सुनील टालाटुले जो संघ के संस्थापक सदस्य स्व० श्री प्रभाकर टालाटूले (भाऊ साहब) के पुत्र और कृष्ण जिनिंग प्रोसेसिंग के मालिक हैं, ने 20 हजार क्विंटल कपास मई 2014 से अप्रैल 2015 तक खरीदा जिसका मूल्य 8 करोड़ रुपए होता है। जिसका भुगतान आज तक नहीं किया है।
किसान मजदूर अधिकार अभियान के अध्यक्ष अविनाश काकड़े के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।
किसानों को संबोधित करते हुए अविनाश काकड़े ने कहा कि जब तक किसानों को हक नहीं मिल जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जिस प्रकार से सुनील टालाटुले ने संघ के करीबी संबंध का फायदा उठाकर किसानों का पैसा मार लिया है वह काफी दुखद है। किसान बेहाल हैं और अब आत्महत्या को मजबूर हैं। किसान मजदूर अधिकार अभियान इस लड़ाई को लड़ रहा है। यह लड़ाई जब तक जारी रहेगा जब तक कि किसानों का हक उसे नहीं मिल जाता है।
किसानों को संबोधित करते हुए किसान मजदूर अधिकार अभियान के महासचिव मनीष भारतीय ने सरकार से मांग की है कि सरकार जितनी जल्दी हो सके सुनील टालाटुले पर कार्रवाई करें। अब तक किसान प्रशासन के चक्कर लगातार रहा है लेकिन कहीं कोई जवाब नहीं मिल रहा है। अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो किसान आमरण अनशन करेंगे। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
मनीष भारतीय ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह आंदोलन राजधानी से शुरु हुआ है और अब पूरे देश में अवगत कराया जाएगा। सरकार अगर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो अब 28 तारिख को नागपुर में अनशन और प्रदर्शन किया जाएगा। सरकार से हमारी मांग है कि जितनी जल्दी हो सके सरकार किसानों को भुगतान कराए।