गधे-घोड़े व खच्चरों का निःशुल्क इलाज

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला स्थित देवा शरीफ में हर साल मेला आयोजित किया जाता है।

देवा शरीफ सूफी सन्त हाजी वारिस अली की दरगाह के लिए मशहूर है, जहाँ दूर-दूर से लोग जियारत के लिए आते हैं।

देवा शरीफ मेले का मुख्य आकर्षण होता है पशुओं का मेला।

पशुओं का मेला, मुख्य मेला के शुरू होने से सात दिन पहले ही लग जाता है। इसमें दूर-दूर से गधे-घोड़े व खच्चर बिक्री के लिए लाए जाते हैं।

गधों के कल्याण के लिए समर्पित द डंकी सैंक्च्युरी इंडिया The Donkey sanctuary India ने बाराबंकी के इस पशु मेले में जागरुकता शिविर का आयोजन किया।

सात दिन चले इस शिविर में गधे-घोड़े व खच्चरों का निःशुल्क इलाज किया गया, साथ ही सामुदायिक शैक्षिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

शैक्षिक कार्यक्रम में लगभग 700 पशु मालिकों को पशुओं की देखभाल व बीमारियों से बचाव के तरीके की जानकारियां दी गईं।

द डंकी सैंक्च्युरी इंडिया की कम्युनिकेशन मैनेजर रश्मि शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डंकी सैंक्च्युरी का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पशु मालिकों को जानकारी देकर पशु कल्याण को बढ़ावा देना है।

रश्मि शर्मा ने बताया कि सात दिन चले द डंकी सैंक्च्युरी इंडिया द्वारा लगाए शिविर में द डंकी सैंक्च्युरी यूके व एनिमल नेपाल की टीम ने भी शिरकत की। उन्होंने बताया कि डंकी सैंक्च्युरी ने सरकार के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के साथ वार्ता कर पशुओं के लिए मेले में सभी सुविधाओं, जैसे ट्रक से उतारने और चढ़ाने के लिए कंक्रीट रैंप व बीमार पशुओं के लिए आइसोलेशन वार्ड को उपलब्ध कराकर सहयोग करने का निर्णय लिया।

देवा शरीफ मेले में भारत के कई प्रदेशों के अलावा नेपाल के भी व्यापारी बड़ी संख्या में पशु खरीदने आते हैं।

एनिमल नेपाल की टीम ने नेपाल से आए व्यापारियों से बात कर उनकी समस्याओं का जायजा लिया।

रश्मि शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा 461 पशुओं का निःशुल्क उपचार किया गया, तथा नेपाल ले जाए जा रहे 208 पशुओं को डिवार्मिंग डोज़ दिया गया।