धर्मनिरपेक्षता लोकतंत्र की आत्मा, जम्मू-कश्मीर सभी रंग के फूलों साथ धर्मनिरपेक्ष राज्य

नई दिल्ली। नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक प्रो.भीमसिंह ने जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों से उनके धर्म और राजनीतिक सम्बंधों को पीछे छोड़ते हुए एकजुट होने की अपील की, जिससे जम्मू-कश्मीर राज्य को प्रगति करने का अवसर मिले और राज्य में शांति बहाल हो सके तथा पूरे देश के लोगों को भी एक साथ विकास करने का मौका मिल सके, जिससे नई पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने पूरे देश के लोगों को, खासकर कश्मीर घाटी का इतिहास पढ़ने का सुझाव दिया, जो 1947 में भारत के विभाजन के समय से ही धर्मनिरपेक्षता पर भरोसा करते हुए भारत संघ के साथ खड़े हैं।


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प्रो.भीमसिंह ने नई पीढ़ी से कहा कि उसे कश्मीर घाटी के लोगों का धर्मनिरपेक्ष इतिहास नहीं भूलना चाहिए, जो 1947 से सीमापार से हमलों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बदकिस्मती है कि कुछ बाहरी तत्व शांति की जमीन पर धर्मपिरपेक्ष माहौल को खराब करने के लिए राज्य के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रो.भीमसिंह ने कश्मीर घाटी के साथ-साथ जम्मू प्रदेश की नई पीढ़ी से 1846 में हस्ताक्षर किये गये अमृतसर संधि से पहले जम्मू-कश्मीर का इतिहास और डोगरा शासक के नेतृत्व में 1846 के बाद बने इतिहास का अध्ययन करने की अपील की, जब महाराजा गुलाबसिंह ने जम्मू-कश्मीर के महाराजा की जिम्मेदारी सम्भाली थी। महाराजा गुलाबसिंह ने स्वयं डोगरा सेनिकों के साथ कश्मीर की जामा मस्जिद की सफाई की थी, जिससे स्थानीय मुस्लिम आसानी से प्रार्थना कर सकें। उन्होंने नई पीढ़ी को 26 अक्टूबर, 1947 को महाराजा हरिसिंह द्वारा विलयपत्र पर हस्ताक्षर करने को याद दिलाया। ये कश्मीरी ही थे, जिन्होंने हमलावरों को जवाब दिया, इनमें से कुछ इतिहास में दर्ज हैं।

पैंथर्स सुप्रोमो ने ऊधमपुर और रामनगर के लोगों का सोशल मीडिया द्वारा अपने विचार व्यक्त करने पर धन्यवाद किया और आशा प्रकट की कि नई पीढ़ी उन्हें समझने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि 1982 में जिस मिशन के साथ उन्होंने पैंथर्स पार्टी कायम की थी, वह आज भी मेरे दिमाग में है कि लोकतंत्र की आत्मा धर्मनिरपेक्षता है और देश व राज्य के लिए जरूरी है। कोई भी राज्य किसी विशेष धर्म या समुदाय की खुशामत करके विकास नहीं कर सकता है। इसलिए हम सबको बिना किसी व्यक्तिगत हित के बगैर एकजुट होकर काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पैंथर्स पार्टी एक मिशन ‘जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन‘ के लिए खड़ी है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से अपील की कि वे अपने राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के बारे में सोचें, जिसमें सभी धर्मों और समुदायों के लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि मानवता एक महानतम् धर्म है और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी लोग इंसान हैं। हमें किसी के बारे में कुछ भी बोलने या लिखने से पहले सौ बार सोचना चाहिए।


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