धर्मराष्ट्र का राजधर्म वही,जो अडाणी और अंबानी का बिजनेस बाकी सिर्फ मंकी बांतें! या फिर वही चौसठ आसन।

महाजिन्न को बोतल से आजाद तो कर दिया। महाजिन्न के राज्याभिषेक में इंडिया इंक और बनिया बिरादरी ने तन मन धन न्योच्छावर तो कर दिया।

पर अच्छे दिन सिर्फ अडाणी और अंबानी के।

हिंदुत्व की राजनय बाबी जिंदल के जिहाद से ग्लोबल है, बाकी मैगी मसाला है।

विदेश यात्राओं में अडाणी और अंबानी को तमाम रेवड़ियां, बाकी इंडस्ट्री को बाबाजी का ठुल्लु।

महामंदी सिर पर है और निवेशकों की आस्था के साथ आम जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ खूब है।

इकोनामिक टाइ्म्स ने कल खबर दी थी कि कैसे आरएसएस की सरकार का कारोबार गोमांस है, जबकि भारत में गोहत्या निषेध है।

विशुद्ध वैदिकी राजधर्म में चियारियों और चियारिनो का जलवा बरखा बहार है और मूसलाधार मानसून का कहर है। आपदाएं धुआंधार हैं।

एक भगोड़े की खींसे में है लोकतंत्र और आपातकाल को रोये हम हैं।

बाकी सारा देश बिकाऊ है।

देश बेचो ब्रिगेड का कैसिनो है।

लीजिए मीडिया की रिपोर्ट है-

अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने झारखंड में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ एमओयू किया है. गुरुवार को उद्योग निदेशक के कक्ष में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये.

एमओयू पर उद्योग निदेशक के रविकुमार और अडाणी की ओर से सीइओ राजेश झा ने हस्ताक्षर किये. फस्र्ट स्टेज का एमओयू किया गया है. जिसकी वैधता एक वर्ष के लिए है, इसके बाद कंपनी डीपीआर बना कर देगी, तब इसकी वैधता बढ़ाते हुए सेकेंड स्टेज का एमओयू किया जायेगा.

पलाश विश्वास