नमः शूद्र सम्प्रदाय को अजा की मान्यता दो : माकपा
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने छत्तीसगढ़ में बसे बंगलाभाषी समुदाय के नमः शूद्र सम्प्रदाय को अनुसूचित जाति की मान्यता देने और इस दिशा में विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की मांग भाजपा राज्य सरकार से की है।
इस मांग के लिए परलकोट में हो रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि पिछले वर्ष भी इस सम्प्रदाय के हजारों लोगों ने विधानसभा का घेराव किया था और तब सरकार ने दो माह के भीतर इस मांग को पूरा करने का वादा किया था। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी इस बारे में कोई कदम न उठाने से इस सरकार का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है।

भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर
माकपा नेता ने कहा कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने के कारण भाजपा के पास इस मांग को पूरा करने में कोई समस्या ही नहीं रह गई है, लेकिन अपने 'दलित विरोधी दर्शन' के कारण इस मुद्दे का चुनावी लाभ तो बटोरती रही है, लेकिन इस दलित समुदाय को शिक्षा और रोजगार में उसका उचित हिस्सा देने के लिए तैयार नहीं है।
पराते ने कहा कि यह मांग अस्सी के दशक से चली आ रही है और माकपा ने भी इस संबंध में पूर्व सांसद बासुदेव आचार्य के नेतृत्व में परलकोटवासियों के हजरों हस्ताक्षरों के साथ केंद्र सरकार को याचिका सौंपी थी, लेकिन तब भी कांग्रेस-भाजपा की तत्कालीन सरकारों ने इस मांग को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। माकपा नेता ने कहा कि आम जनता का एकजुट संघर्ष ही इस मांग को पूरा कर सकता है।