नहीं रहे प्रख्यात कथाकार यू आर अनंतमूर्ति
नहीं रहे प्रख्यात कथाकार यू आर अनंतमूर्ति
प्रख्यात कथाकार यू आर अनंतमूर्ति आज नहीं रहे। उनका न रहना समूचे भारतीय साहित्य की सचमुच अपूरणीय क्षति है। वर्णाश्रमी अभिजनवादी व्यवस्था के वह कट्टर आलोचक थे। उनका उपन्यास 'संस्कार' क्लासिक उपन्यास का दर्ज़ा रखता है। डॉ. राममनोहर लोहिया के समाजवादी चिंतन को उन्होंने साहित्य में क्रांतिकारी सन्दर्भ दिए थे।
साम्प्रदायिक फासीवाद के इस दौर के उभार से वे उद्विग्न और संतप्त थे और इसे उन्होंने बेबाकी और निडरता के साथ अभिव्यक्त भी किया है। उन्हें हार्दिक शोक श्रद्धांजलि।
- वीरेंद्र यादव (प्रख्यात आलोचक)
मशहूर कन्नड़ साहित्यकार यू.आर. अनंतमूर्ति का निधन... http://t.co/XVS5mNBoIm
— आज तक (@aajtak) August 22, 2014
UR Ananthamurthy was threatened by a right-wing group called the Namo Brigade. Of course, the PM remained silent. As did the BJP. RIP,Sir!
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) August 22, 2014
We condole sad demise of Jnanpith awardee & renowned Kannada writer U R Ananthamurthy.Our prayers are with his family pic.twitter.com/hsG2yegJjJ
— INC India (@INCIndia) August 22, 2014
श्री यूआर अनंतमूर्ति का निधन भारतीय साहित्य की बहुत बडी क्षति है। वे विश्व ख्याति के रचनाकार और विचारक थे। साहित्य वार्ता उनके निधन पर गहरा दुख अनुभव करती है और उनके शोकसंतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है।
ऋतिका, संयोजक साहित्य वार्ता
एक सहृदय व्यक्ति की कमी खलेगी. उनकी रचनायें रहेंगी.
श्रद्धांजलि ! यू आर अनंतमूर्ति !
उज्ज्वल भट्टाचार्या, वरिष्ठ पत्रकार व चिंतक


