दमानिया को सीधे दिल्ली से थोपे जाने के विरोध में नागपुर में “आप” के समांतर नागपुर आम आदमी पार्टी का गठन
मनोहर गौर
लोकसभा चुनाव के लिये आम आदमी पार्टी (“आप”) द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन गडकरी के खिलाफ नागपुर से अंजलि दमानिया को उतारने के फैसले से पार्टी में फूट पड़ गयी है। दमानिया को सीधे दिल्ली से थोपे जाने के विरोध में नागपुर में “आप” के समांतर नागपुर आम आदमी पार्टी का गठन किया गया है। कहा जाता है कि इस नई पार्टी में “आप” के अधिकांश कार्यकर्ता शामिल हैं। इसमें वे भी हैं जो शुरुआत से ही पार्टी और अरविंद केजरीवाल से जुड़े रहे हैं। अंजलि फिलहाल महाराष्ट्र “आप” की संयोजक हैं और मुंबई में रहती हैं।
नाटक साक्षात्कार का
दरअसल “आप” की ओर से इसी माह के पहले हफ्ते में नागपुर के करीब आधा दर्जन से अधिक सम्भावित उम्मीदवारों को मुम्बई बुलाकर उनका साक्षात्कार लिया गया था। इसमें महिलाओं के अधिकारों के लिये बरसों से नागपुर और विदर्भ में काम कर रहीं डॉ. रूपा कुलकर्णी, हाल में पार्टी में शामिल भाकपा के नेता जम्मू-आनंद, पत्रकार दुर्गाप्रसाद अग्रवाल आदि शामिल थे। अलावा इसके वरिष्ठ समाजसेवक और पत्रकार उमेश चौबे, डॉ. उदय बोधनकर का नाम भी लिया जा रहा था। मगर सबको छोड़ दिल्ली आलाकमान ने अंजलि दमानिया को नागपुर से गडकरी के विरोध में उम्मीदवार बना दिया। पार्टी में उनकी उम्मीदवारी को लेकर घोषणा के दिन से ही असंतोष था और उनका विरोध भी शुरू हो गया था।

नई पार्टी के संयोजक सूचना अधिकार कार्यकर्ता मोहन कारेमोरे का साफ मानना है कि अंजलि दमानिया को नागपुर में कौन जानता है? और तो और वे स्वयं नागपुर को कितना जानती हैं ? कोरेमोरे ने अंजलि दमानिया के पति अनीश दमानिया पर डेढ़ हजार करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और शीघ्र ही सारे दस्तावेजों के साथ सामने आने की घोषणा की है। कारेमोरे का दावा है कि उनके साथ “आप” पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता हैं।
संचेती के खिलाफ पुलिस में शिकायत
अपने नाम की घोषणा होने के दूसरे ही दिन सोमवार को अंजलि नागपुर पहुँची और नितीन गडकरी के करीबी उद्योगपति तथा भाजपा सांसद अजय संचेती के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। दमानिया ने संचेती के खिलाफ सिंचाई परियोजनाओं में करोड़ों के ठेके हासिल करने के लिये फर्जी दस्तावेज सौंपने और सरकार को करोड़ों का चूना लगाने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। इस सम्बंध में कारेमोरे का दावा है कि संचेती के इस कथित सिंचाई घोटाले के सम्बंध में उन्होंने ही तमाम दस्तावेज विगत दिनों अरविंद केजरीवाल को सौंपे थे और मामले को उजागर करने का अनुरोध किया था। वही दस्तावेज उन्होंने दमानिया को दे दिये हैं। दमानिया के आरोपों के विरोध में मंगलवार को ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर संचेती और गडकरी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिये दमानिया के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की माँग की है।
सीधे जनता के सामने पहली बार
नितीन गडकरी पहली बार किसी चुनाव में सीधे जनता के समक्ष जाने वाले हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी भी सूरत में गडकरी को लोकसभा पहुँचाने की कोशिश में है। उसके कार्यकर्ता काम से लग भी गये हैं। भाजपा भी अपनी ओर से पूरे प्रयास कर रही है। विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बैठकें हो रही हैं। रणनीति बन रही है। नागपुर के वर्तमान सांसद विलास मुत्तेमवार चौथी बार फिर से नागपुर से कांग्रेस का टिकट हासिल करने की जुगत में हैं। हालांकि इस बार उनके लिये यह सीट आसान नहीं होगी। ऊपर से “आप” पार्टी की मौजूदगी से नागपुर का चुनावी संघर्ष तिकोना होने के पूरे आसार हैं। गडकरी की छवि नागपुर में एक लोकप्रिय नेता और अच्छे कार्यकर्ता की है। सभी दलों में उनके समर्थक और मित्र मौजूद हैं। राज्य के मंत्री रहने के दौरान उनके द्वारा बनवाई गयी सड़कें और पुल उनकी याद दिलाते रहते हैं। माना जाता है कि गडकरीवाड़े (उनका निवास) में सहायता के लिये जाने व वाला कोई भी व्यक्ति कभी खाली हाथ नहीं लौटता। वे कुछ न कुछ मदद जरूर करते हैं। चुनाव में उनकी यही छवि उन्हें फायदा पहुँचायेगी।

मनोहर गौर, लेखक नागपुर (महाराष्ट्र) स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।