नागरिक ज़ुल्म के विरुद्ध खड़े हो जाएं तो ज़ुल्म नहीं हो सकता-मौलाना उमरी
नागरिक ज़ुल्म के विरुद्ध खड़े हो जाएं तो ज़ुल्म नहीं हो सकता-मौलाना उमरी
नागरिक ज़ुल्म के विरुद्ध खड़े हो जाएं तो ज़ुल्म नहीं हो सकता-मौलाना उमरी
जयपुर, 4 सितम्बर 2016। “यदि देश के 125 करोड़ लोगों में से 50 हज़ार भी ज़ुल्म के विरुद्ध खड़े हो जाएं तो किसी की हिम्मत नहीं है कि देश के एक भी नागरिक पर ज़ुल्म कर सके।“
ये शब्द जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने कहे।
वे आज जमाअत की जयपुर जि़ला इकाई की ओर से सवाई मानसिंह मेडीकल ऑडीटोरियम में आयोजित ”शान्ति एवं मानवता कॉन्फ्रेन्स“ में उपस्थित विशाल जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज मनुष्यों में नफ़रत पैदा करने तथा देश को बाँटने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जमाअत देश के सारे शान्तिप्रिय नागरिकों एवं संगठनों को साथ ले कर देशवासियों में प्रेम एवं भाईचारे तथा मानवीय आधार पर सद्भाव का प्रयास कर रही है। जमाअत ने इसी उद्ददेश्य के लिए 21 अगस्त से 4 सितम्बर तक देश भर में ”शान्ति एवं मानवता“ अभियान अरम्भ किया। इस अभियान के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया गया कि यदि हम संगठित रहे तो शान्तिपूर्वक रह कर देश का विकास करेंगे और अगर विभाजित हो कर रहे तो न केवल देश का बल्कि सारी मानवता का नुक़सान करेंगे।
मुख्य अतिथि, कल्की धाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि स्वार्थी लोगों के कारण आज हमारे दिलों में दीवारें खड़ी हो गई हैं लेकिन हम प्रेम की मार से इन दीवारों को गिरा देंगे। उन्होंने कहा कि राम जितने हिन्दुओं के हैं उतने ही मुसलमानों के और पैग़म्बर मुहम्मद स. जितने मुसलमानों के हैं उतने ही हिन्दुओं के भी हैं। उन्होंने कहा कि अपना हक़ मांगना बग़ावत नहीं है और यदि यह बग़ावत है तो फिर हम सब बाग़ी हैं।
उन्होंने कहा कि संत व फ़क़ीर सारी मानवजाति के होते हैं, किसी वर्ग या धर्म विशेष के नहीं।
एक और मुख्य अतिथि, इत्तिहादे मिल्लत संगठन के अध्य़क्ष, मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने कहा कि आज गाय के नाम पर लोगों की जानें ली जा रही हैं परन्तु हमारे ही देश से गाय का मांस भी निर्यात किया जा रहा है, सबसे पहले तो हमें गोमांस का निर्यात बन्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यद्यपि थोड़े समय के लिए नफ़रत जीत जाती है परन्तु अन्त में जीत प्रेम की ही होगी, नफ़रत को हारना ही होगा। उन्होंने कहा कि देश की जनता शान्ति चाहती है अतः अशान्ति फैलाने वाले अधिक समय तक टिक नहीं सकते।
इस अवसर पर शान्ति और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले छः लोगों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न तथा शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार तथा समाजसेवी श्री भंवर मेघवंशी, अपनी लेखनी से साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए काम करने वाले तथा पहली बार मारवाड़ी भाषा में पैग़म्बर मुहम्मद स. की जीवनी लिखने वाले पत्रकार श्री राजीव शर्मा, दलित-मुस्लिम एकता के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले, जयपुर के प्रसिद्ध समाजसेवी व कारोबारी श्री अब्दुल लतीफ़ आरको, महिला अधिकार, मानवाधिकार तथा साम्प्रदायिक सद्भाव एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत प्रयत्नशील, सुश्री कविता श्रीवास्तव, सामाजिक समरसता और दलित अधिकारों के लिए कार्य करने वाले पूर्व जज श्री टेकचंद राहुल, एफ़.डी.सी.ए. (लोकतांत्रिक एवं साम्प्रदायिक सद्भाव मंच) के प्रदेशाध्यक्ष, प्रसिद्ध गांधीवादी समाजसेवी श्री सवाई सिंह को इस अवसर पर सम्मनित किया गया।
कॉन्फ्रेन्स को श्री सवाई सिंह और सुश्री कविता श्रीवास्तव के अतिरिक्त जमाअत के प्रदेशाध्यक्ष इन्जीनियर ख़ुर्शीद हुसैन, ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि फादर प्रसाद, राज्य मानवाधिकार आयोग के पूर्व सदस्य श्री आर.के. आकोदिया ने भी कॉन्फ्रेन्स को सम्बोधित किया तथा कवि शैलेन्द्र ”शिल्पी“ ने अपनी कविता से शान्ति एवं मानवता का संदेश दिया।


