मुलायम जब भी शासन में आये हैं उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ सिर्फ दंगे ही कराये हैं
निमेष कमीशन के सवाल पर मुसलमानों को गुमराह कर रही है सरकार- रिहाई मंच
खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिये रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना पन्द्रहवें दिन भी जारी रहा
लखनऊ 5 जून 2013/ रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में निमेष कमीशन की रिपोर्ट को एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ नहीं प्रस्तुत किया जबकि सरकार के पास यह अधिकार हमेशा सुरक्षित है कि इस प्रकार के किसी भी मुद्दे पर कैबिनेट की सहमति से कार्रवाई कर सकती है। जिसके लिये सत्र के चलने की बाध्यता नहीं है। लेकिन सरकार सदन के सत्र का हवाला देकर इसे लम्बी बहस में उलझा कर मामले को ठण्डे बस्ते में डाल देना चाहती है। सरकार ने निमेष कमीशन को सिर्फ स्वीकार किया जो उसे अगस्त 2012 में जब आरडी निमेष ने रिपोर्ट को सरकार को सौंपा था उसी समय कर लेना चाहिये था जो उसने नहीं किया और दोषी पुलिस अधिकारियों का सरंक्षण किया तथा अपने को बचाने के लिये इस मामले के अहम गवाह मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या करा दी।

श्री शुएब मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की माँग को लेकर चल रहे रिहाई मंच के अनिश्चित कालीन धरने पर जनसभा को सम्बेधित कर रहे थे।

धरना आज पन्द्रहवें दिन भी जारी रहा। आज क्रमिक उपवास पर कौमी एकता दल के महासचिव तारिक शमीम, आजमगढ़ संजरपुर के शरफुद्दीन, शमीम अहमद अंसारी, अबू आमिर बैठे।

सभा में इण्डियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. सुलेमान ने कहा कि अखिलेश सरकार किसी भी किस्म की कोई कार्रवायी न करके और सिर्फ निमेष कमीशन पर वक्त ले कर संघ गिरोह को इस मसले पर अपनी राजनीतिक गिरोहबन्दी करने और साम्प्रदायिक उन्माद बढ़ाने का समय दे रही है। सरकार निमेष कमीशन का हश्र श्री कृष्णा आयोग, लिब्रहान आयोग और नानावटी आयोग जैसा करना चाहती है। जिसे हम नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि आज मुलायम कह रहे हैं कि अगर वे मुख्यमन्त्री होते तो पन्द्रह दिन में कानून व्यवस्था सुधार देते। लेकिन आवाम जानती है कि वो जब भी शासन में आये हैं उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ सिर्फ दंगे ही कराये हैं। जिसकी मिसाल साढ़े तीन साल वाली पिछली सपा सरकार है जब मऊ से लेकर गोरखपुर तक उन्होंने योगी आदित्यानाथ को दंगा कराने की खुली छूट दे दी थी। आज उसी मुलायम के उसी साम्प्रदायिक एजेण्डे को उनके पुत्र आगे बढ़ा रहे हैं।

धरने का समर्थन करने के लिये बाराबंकी से सूफी उबैदुर्रहमान, पीस पार्टी मसूद रियाज, एखलाख, फरहान वारसी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बाराबंकी में मौलाना खालिद की हत्या के पंचनामे में सपा के नेताओं को गवाह बनाया गया और अब जिस तरीके से छिप कर राज्य सरकार जाँच करवा रहीं है उससे साफ हो गया है कि सरकार मौलाना खालिद की हत्या को किसी भी हद पर जाकर प्राकृतिक मौत साबित करना चाहती है। लेकिन सरकार का मंसूबा पूरा नहीं होगा क्योंकि खालिद के शरीर पर पड़े जख्म इस हत्या का राज बयान कर रहे हैं जिसे पूरी दुनिया ने देखा है।

आजमगढ़ रिहाई मंच के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी, कौमी एकता दल के महासचिव तारिक शमीम, आजमगढ़ संजरपुर के शरफुद्दीन, शमीम अहमद अंसारी, अबू आमिर भी धरने के समर्थन में आये।

आरडी निमेष कमीशन में आजमगढ़ के गवाह रहे शरफुद्दीन ने कहा कि हमने गवाही दी थी कि किस तरह तारिक का अपहरण किया गया था, पर सरकार ने हमारे पैसे से बनी रिपोर्ट को स्वीकार करने में नौ महीने लगा दिया और इस बीच खालिद मुजाहिद की हत्या करवा दी। इस हत्या ने साफ कर दिया है कि जब हमारे निर्दोष बच्चे छूटने लगेंगे तो दोषी पुलिस अधिकारीयों को बचाने के लिये सरकार किसी भी हद तक जा सकती है।

रिहाई मंच के प्रवक्ताओं ने बताया कि कल धरने के समर्थन में पूर्वांचल छात्र संगठन और शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ के छात्र नेता आयेंगें

धरने का संचालन रिहाई मंच आजमगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने किया। धरने को सोशलिस्ट फ्रंट के आफाक अहमद, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा आफताब अहमद खां, भारतीय एकता पार्टी के सैयद मोइद, आजमगढ से शरफुद्ीन, शमीम अहमद अंसारी, अबू आमिर, तारिक शफीक, आरिफ नसीम, पिछड़ा समाज महासंघ के एहसानुल हक मलिक, मौलाना कमर सीतापुरी, बाराबंकी से फरहान वारसी, हाजी फहीम सिद्दीकी, आफताब खान, शिब्ली बेग, राष्ट्रीय भागीदारी आन्दोलन के पीसी कुरील, मुस्लिम फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके शेरवानी, प्रगतिशील लेखक संघ की ऊषा राय, वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह, अखिल भारतीय अनूसचित जातिजन जाति परिसंघ के भंवरनाथ पासवान, जैबैर जौनपुरी, इसहाक, सादिक, शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने सम्बोधित किया।