नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकसभा में नेता विपक्ष के पद को लेकर सरकार को नोटिस जारी करने के बाद सरकार घिर गई है।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि नेता विपक्ष का दर्जा सरकार को देना चाहिए। सरकार को इस मामले में आगे बढ़कर पहल करनी चाहिए।
जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो मशवरा सरकार को दिया है वो जायज है। पूरा देश ऐसा ही सोचता है। जबकि भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि सरकार से जवाब मांगा गया है तो सरकार जरूर जवाब देगी। जहां तक परंपरा की बात है तो स्पीकर ने सारी चीजें देखने के बाद ही फैसला लिया है।

लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं होगा तो लोकपाल, विजिलेंस कमीशन , सीबीआई निदेशक आदि संवैधानिक पदों को केन्द्र सरकार कैसे भरेगी ? भारत में जनमत से ऊपर है संविधान और उसकी व्यवस्थाएँ । जनमत यदि निर्णायक है तो अरुण जेटली और स्मृति ईरानी मंत्री कैसे हैं? ये हारे हुए नेता हैं। ये संविधान के प्रावधान के तहत मंत्री हैं।

- प्रो. जगदीश्वर चतुर्वेदी, राजनीतिक समीक्षक
क्यों जरूरी है नेता विपक्षलोकपाल से लेकर सीवीसी और सीआईसी जैसे कई बड़े पदों के चुनाव में नेता विपक्ष का रोल अहम होता है। इसीलिए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति के लिए जो कानून बनाया जा रहा है उसमें नेता विपक्ष की जगह संसद में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का नाम रखा गया है। चार हफ्तों के बाद सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होगी जहां सरकार अपना पक्ष रखेगी।