नेताजी को लेकर इतनी घृणित साजिशें आखिर किसलिए हैं, किसके हक में है?
नेताजी को लेकर इतनी घृणित साजिशें आखिर किसलिए हैं, किसके हक में है?
नेता जी के मरने या जीने का सच अभी इस महादेव को मालूम नहीं, लेकिन दो डॉक्टरों ने उनकी मौत के तीन प्रमाणपत्र जारी कर दिए!
डेट सर्टिफिकेट 1946, 1955 और 1988 में जारी हुए।
भारत सरकार ने भी मरनेपरांत नेता जी को भारत रत्न देकर निर्णयक मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने लगा था, भूल गए?
जिस शख्स ने हिंदुस्तान की सरजमीं पर फासिस्टों का हर कदम पर मुकाबला किया, हमने उन्हें फासिस्ट बना दिया।
उससे बड़ी शर्म यह इस खंड खंड अब भी खंडित हो रही लहुलुहान, झलसे महादेव के महानायक को हमने जिंदा दफना दिया।
पलाश विश्वास
कोलकाता में हाले में राजनैतिक वजहों से राजनैतिक गेम के तहत जो नेता जी धमाका हुआ परवत्स्यमुशिप्रसव की तरज पर अश्वदिम्ब, उससे कुछ भी साबित नहीं हुआ है। हालांकी उसमें से नेता जी के भाषण की पुलिस रिपोर्टिंग हूबहू हमने आपसे साझा किया है, जो नेता जी के दिलोदिमाग और उनके ख्वाबों और हकीकत की हिंदुस्तान का नक्शा तो बताता है, लेकिन उनके जिन्दा या मुरदा होने का किस्सा खोलता नहीं है।
हम ओटेबसाइट : www.missionnetaji.org के एक दस्तावेज़ से आज निबट रहे हैं, जो मुखर्जी कमीशन की फाइंडिंग के आधार पर है और जिसे फेसबुक पर एक पेज Netajir obamanona ek rastriyo lojja. द्वारा 9 चित्रों के साथ पोस्ट किया गया है, सीधे तौर पर नेता जी...


