नोटबंदी - सोशल मीडिया पर निषेधाज्ञा, माकपा ने की आलोचना
नई दिल्ली, 23 नवंबर। केंद्र सरकार द्वारा 500-1,000 रुपये के नोट को अमान्य घोषित किए जाने के बाद मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में नोट के बारे में सोशल मीडिया पर की जाने वाली टिप्पणियों से समाज में अशांति फैलने की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू की है। जिलाधिकारी पी.नरहरि ने इस संबंध में आदेश जारी किया।

जिलाधिकारी के आदेश को मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने नौकरशाही का अविवेकपूर्ण निर्णय करार दिया है।
मध्य प्रदेश माकपा के राज्य सचिव बादल सरोज ने एक बयान जारी कर कहा कि 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट के बारे में सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आलोचना पर प्रतिबंध लगाने का इंदौर के जिलाधिकारी का निर्णय नौकरशाह की अज्ञानता का असाधारण उदाहरण है।

बादल ने आगे कहा कि इंदौर के जिलाधिकारी ने सत्तासीनों की चाटुकारिता में असामान्य स्तर तक नीचे गिरकर ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप सहित सोशल मीडिया पर धारा 144 लगा दी है। इस आदेश में पुराने नोटों के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी, नोटों के बदले जाने में होने वाली परेशानी तथा सरकार की आलोचना को दंडनीय अपराध बताया गया है।
माकपा ने इस आदेश को घोर अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है तथा तानाशाही कायम करने की कायराना कोशिश है।
सीपीआई(एम) ने इस तरह के बेतुके और असंवैधानिक आदेश जारी करने वाले कलेक्टर को एकाध साल के पुनर्शिक्षण (रिफ्रेशर कोर्स) पर भेजे जाने की ने मांग की है ।

कामरेड बादल सरोज ने बताया कि जिलाधिकारी पी. नरहरि ने 14 नवंबर को एक आदेश (order/2956/RADM/2016, Indore/Date 14/11/2016 under Section 144) banning criticism on social media such as Twitter, Facebook, WhatsApp, etc.) जारी कर 15 नवंबर, 2016 से 12 जनवरी, 2017 तक सोशल मीडिया पर की जाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणियां और उसे पसंद या नापसंद करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए इंदौर के राजस्व सीमा क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसका उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा।