नोटबंदी : जनता की संपत्ति की इस तरह खुली लूट महमूद गजनवी ने भी नहीं की थी
नोटबंदी : जनता की संपत्ति की इस तरह खुली लूट महमूद गजनवी ने भी नहीं की थी
मोदीजी ने नोटबंदी के नाम पर सारे देश में अरबों की संपत्ति की लूट होने दी, यह भी रहस्य बना हुआ है कि नोटबंदी में कैसे और किस तरह अरबों रूपये की कीमत के भाजपा के नए ऑफिस खुले हैं
मोदी सरकार के चार साल हो गए लेकिन नोटबंदी में बैंकों में जमा नोटों का सही-सही हिसाब प्रेस कॉफ्रेंस करके देना चाहिए, लेकिन न तो वित्तमंत्री बोले और न प्रधानमंत्री बोले और न रिजर्व बैंक के गवर्नर ने ही प्रेस को तथ्यों की पूरी जानकारी दी है।
बैंक कर्मचारियों ने उस दौर में अतिरिक्त परिश्रम किया, उसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। बैंक कर्मचारियों ने उस दौरान पकड़े गए नए नोटों के बारे में जांच कराने की मांग की थी उस पर भी मोदी सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया, आज तक नहीं पता चला कि दर्जनों भाजपा नेताओं के यहाँ से करोडों रूपये कैश पकड़े गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, भाजपा ने क्या कार्रवाई की, सरकार ने किस तरह के कड़े कदम उठाए।
कहने का आशय यह कि मोदीजी ने नोटबंदी के नाम पर सारे देश में अरबों की संपत्ति की लूट होने दी, यह भी रहस्य बना हुआ है कि नोटबंदी में कैसे और किस तरह अरबों रूपये की कीमत के भाजपा के नए ऑफिस खुले हैं। उल्लेखनीय है समूचे भारत में नोटबंदी के दौरान भवन निर्माण ठप्प था लेकिन भाजपा ऑफिस बन रहे थे, यह कैसे संभव है मोदीजी।
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भारत की जनता इन सब सवालों के जवाब चाहती है, हरेक स्तर पर भाजपा के सदस्यों से ये सवाल पूछकर उनको लज्जित किया जाना चाहिए।
जनता की संपत्ति की इस तरह खुली लूट महमूद गजनवी ने भी नहीं की थी।


