नोटबंदी - नरेंद्र का नरमेध जारी है

नरेंद्र का नरमेध जारी है। अमेठी से आई ये खबर ह्रदय विदारक है कि नोटबंदी के कारण बेरोजगारी से जूझते परिवार ने आत्महत्या की। देशभर के लोगों को असहनीय पीड़ा में झोंकने के बाद भी नरेंद्र मोदी को न शर्म है न पश्चात्ताप। वह बहुमत के नशे में मदान्ध नोटबंदी के सवालों को हवा में उड़ा रहे हैं।

टीवी और अख़बार या तो ख़रीदे हुए हैं या डरे हुए। एनडीटीवी की कुंद हुई धार उस डर का सुबूत है।

मोदी-शाह मंडली से खुद बीजेपी के एमएलए एमपी डरे हुए हैं। विपक्ष डरा हुआ है। कोर्ट डरा हुआ है। इस डर को जनता तोड़ सकती है।

पांच राज्यों की जनता यदि चुनावों में मोदी को धता बताये तो मोदी का आतंक टूटेगा। उनका मीडिया जनित तिलस्म टूटेगा।

मधुवन दत्त चतुर्वेदी