पर्यावरणक्‍लब के द्वारा चलाया जा रहा है पर्यावरण जागरूकता अभियान

99 एकड़ भूमि ग्रीन जोन, गांधी हिल पर छोड़ा गया बत्‍तख

वर्धा, 06 जून, 2011: पर्यावरणदिवस के अवसर पर एक दिन संगोष्‍ठी कर लेने या नाम के लिए पौधे लगा देने से आज ग्‍लोबलवार्मिंग के खतरे से मुकाबला नहीं किया जा सकता है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता काअनूठा मिसाल देखनी हो तो आपको गांधी जिले के महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदीविश्‍वविद्यालय,वर्धा में जाना चाहिए। पंचटीला पहाड़ी पर जहां मिट्टी नहीं पत्‍थर का साम्राज्‍य है, उन पत्‍थरों में पेड़ लगाने कीयोजना को लोग सराह रहे हैं। यही कारण है परिसर हरा-भ्‍ारा दिखने लगा है।

पर्यावरणदिवस पर कुलपति विभूति नारायण राय की अध्‍यक्षता में मुख्‍य अतिथि पर्यावरण प्रेमीमुरलीधर बेलखोडे ने शीशम का पौधा लगाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। तदुपरांत कुलपतिराय, प्रतिकुलपतिप्रो.ए.अरविंदाक्षन, कुलसचिव डॉ.के.जी.खामरे, वित्‍ताधिकारी अजीत सिंह, विशेष कर्तव्‍याधिकारीनरेन्‍द्र सिंह, उपकुलसचिव पीएस. सिंह, दूरशिक्षा के डॉ.ललित किशोर शुक्‍ला,सहायक कुलसचिव राजेश्‍वर सिंह, विद्यार्थियों की ओर से विनय भूषण व कमला देवी ने पौधारोपण किया।

कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र था-गांधी हिल पर बत्‍तख का छोड़ा जाना।कुलपति राय सहित वरिष्‍ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एक जोड़े बत्‍तख को गांधी हिलपर विचरण करने के लिए छोड़ा गया। इस दौरान कुलपति राय ने कहा कि गांधीजी के नाम परयह विवि है, हमें चाहिए कि हम कैसे प्रकृति प्रेमी बनें। आपऔर हम एक पौधे लगाकर निश्चिंत मत होईए अपितु इसे व्‍यवहार में अपनाएं कि यह पौधाकैसे विकसित हो ताकि हम जीवन में आने वाली पीढि़यों के लिए कुछ दे पाएं। उन्‍होंनेकहा कि वन बचेंगे तो प्रकृति बचेगी, प्रकृति बचेगी तो यहधरती बचेगी। धरती बचेगी तो जीवन बचेगा। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होकर वह सबकुछबचेगा जो जीवन के लिए आवश्‍यक है। वन लगेंगे तो वर्षा, जल, हवा, मिट्टी और जिंदगी कभी समाप्‍त नहीं होगी। हमेंलगा कि यहां पेड़ लगाना और बचाना बहुत कठिन कार्य है लेकिन नरेन्‍द्र सिंह नेपरिसर में हरियाली फैलाने में अपनी महती भूमिका निभाई है। इस दौरान नरेन्‍द्र सिंहने कहा कि पत्‍थर वाले जमीन को खोदकर गढ्ढे में मिट्टी डालकर पौधे को लगाया गयाजिसे आप परिसर में देख रहे हैं।

गौरतलब है किविश्‍वविद्यालय के 212 एकड भूमि में से 99 एकड़ भूमि को 'ग्रीन जोन' के रूप मेंतब्‍दील कर पर्यावरण के लिए पेड़ लगाने तथा ‘बर्ड जोन’ बनाने की योजनाबनायी गई है। कुलपति राय से पूछने पर उन्‍होंने बताया कि यहां के वन विभाग सेसंपर्क कर मौसम के अनुकूल पक्षियों को ‘ग्रीन जोन’ में संरक्षणदिया जा सकता है। नवनिर्मित कबीर हिल पर खरगोश, मोर, नेवला जैसे पशु-पक्षियों को संरक्षितकिया जाएगा। साथ ही इस हिल को वनों से आच्‍छादित करने के लिए यहां के लिए उपयुक्‍तपेड़ लगाए जा रहे हैं। पेड़ों के बचाव हेतु पानी सिंचाई के लिए पहाड़ पर पानीसंचित करने की योजना भी बनाई गई है।

विवि में इनदिनों पानी संरक्षण, प्रदूषण से निजात के नुस्‍खे के लिए जगह-जगह पोस्‍टर, पर्चालगाकर पर्यावरण हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है क्‍योंकि कुलपति विभूतिनारायण राय ने ग्‍लोबल वार्मिंग के खतरे को गंभीरता से लेते हुए विश्‍वविद्यालयमें पर्यावरण क्‍लब का गठन किया। भाषा विद्यापीठ के चीनी भाषा के असिस्‍टेंटप्रोफेसर अनिर्बाण घोष (जो कि पर्यावरण के प्रति एक कार्यकर्ता के रूप में कार्यकर रहे हैं), को पर्यावरण क्‍लब का प्रभारी बनाया गया है। विवि परिसर में पानीसंचयन व संरक्षण के लिए जगह-जगह कुएं तथा बोरवेल बनाए जा रहे हैं। पर्यावरण के लिएकिए गए प्रयासों के संदर्भ में कहा जा सकता है कि-

ख़ुदी को करबुलंद इतना कि

हर तद्बीर सेपहले

बंदे से ख़ुदापूछे

बता तेरी रज़ाक्‍या है।

फोटो कैप्‍शन- विवि परिसर मेंवृक्षारोपण करते हुए कुलपति विभूति नारायण राय साथ में विवि के कर्मी वविद्यार्थी।

अमित कुमार विश्‍वास


With Warm Regards

Yours
Amit Kumar Bishwas
Honorary Publicity Officer & PhD (Resarch Scholar)
Mahatma Gandhi International Hindi University (a Central University)
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