पैंथर्स सुप्रीमो की कश्मीर घाटी के स्थानीय निकाय चुनाव रद्द करने की मांग

जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक प्रो.भीमसिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से समानता व कानून के शासन के हित में कश्मीर घाटी में चल रहे जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निकाय चुनाव रद्द करने की मंाग की है, क्योंकि इस चुनाव प्रक्रिया की किसी सक्षम अथोरिटी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

पैंथर्स सुप्रीमो ने कहा कि लद्दाख के दो जिले, जिसमें लेह और करगिल शामिल हैं, मतदाताओं ने चुनाव प्रक्रिया को समझा और जम्मू प्रांत के दस जिलों में चुनाव कामयाब रहा, क्योंकि वहां कुछ पार्टियों को छोड़कर राजनीतिक भागीदारी रही।

प्रो.भीमसिंह ने कहा कि कश्मीर घाटी में स्थिति भिन्न है, जहां प्रशासन की कई कारणों से सभी जिलों के लोगों तक पहुंच नहीं है। प्रशासन ने खासतौर पर कश्मीर घाटी के राजनीतिक प्रतिनिधियों से मुलाकात की कोई योजना नहीं बनायी। दो पूर्व सत्तारूढ़ दलों ने भिन्न और व्यक्तिगतों कारणों से चुनाव का बहिष्कार किया है। प्रशासन पर पूर्व सत्तारूढ़ दलों के प्रभाव थी और उसने जलती हुई कश्मीर घाटी में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश ही नहीं की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 598 वार्ड हैं, जिनमें श्रीगनर नगर निगम वार्ड शामिल हैं। आश्चर्य की बात है कि 178 वार्डों में कोई उम्मीदवार ही नहीं था, जबकि 236 पर सिर्फ एक ही पार्टी के उम्मीदवार थे। इससे पता चलता है कि घाटी के 598 वार्डों में से 178 सीटों पर चुनाव हो रहा है। यह कश्मीर घाटी में चुनाव प्रक्रिया के साथ मजाक है और कौन इस पर विश्वास करेगा।

उन्होंने कहा कि लद्ाख और जम्मू से कश्मीर के मतदाताओं को एक संदेश गया है और वह पंचायत चुनाव में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि यह चुनाव पार्टी की बुनियाद पर नहीं

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होते। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को पूर्ण शक्ति प्राप्त है कि वे कश्मीर घाटी के स्थानीय निकाय चुनाव और पूरे जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव के लिए तिथि तय करें। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के लोग 1951 से ही परेशानियों के शिकार हैं। राज्यपाल को कश्मीर के नाराज नेतृत्व से बातचीत के लिए अनुभवी बुजुर्ग लोगों को एक छोटी समिति बनानी चाहिए।