सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का जवाब (government respond to the Supreme Court,) - चार करोड़ पोर्न वेबसाइट, किसे-किसे ब्‍लॉक करें

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स, खासतौर से चाइल्ड पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है, जबकि केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह रोकने में असमर्थता वयक्त करते हुए कहा है कि इस पर काम जारी है, क्योंकि 4 करोड़ से ज़्यादा इस तरह की वेबसाइट मौजूद हैं, और जितने समय में एक साइट को ब्लॉक किया जाता है, उतनी ही देर में नई वेबसाइट अस्तित्व में आ जाती है।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि कानून, तकनीक और प्रशासन को समन्वित करके इंटरनेट पर पोर्नोग्राफिक सामग्री की रोकथाम के लिए काम करना होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सरकार को पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स, खासतौर से चाइल्ड पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए कदम उठाने होंगे। याचिकाकर्ता के अनुसार पिछले 18 महीने में सरकार ने एक भी ऐसी वेबसाइट को ब्लॉक नहीं किया।

केंद्र सरकार ने अपने जवाब में बताया कि इस तरह की वेबसाइटों को ब्लॉक करना कठिन होता है, जिनके सर्वर विदशों में स्थापित हैं। सरकार के अनुसार वह सर्वरों को भारत में लाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि वेबसाइटों पर बेहतर नियंत्रण हो सके। सरकार ने यह भी बताया कि आईटी एक्ट के अंतर्गत सलाहकार समिति का गठन कर दिया गया है, जो समस्या से निपटने के लिए सुझाव देगी। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि याचिका में कही गई बातों की जानकारी सलाहकार समिति को अवश्य दी जाए, ताकि वह कोई समाधान सुझा सके। मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद की जाएगी।

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